Himachal Pradesh Cable Car trolly Stuck Mid Air: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में बीच हवा में ही पर्यटकों से सवार केबल कार ट्रॉली (Cable Car Trolly) फंस गई है. जानकारी के मुताबिक परवाणू टिंबर ट्रेल (Parwanoo Timber Trail) में तकनीकी दिक्कत आने की वजह से 11 पयर्टक हवा में फंस गए. सूचना मिलने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) शुरू कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक अब सभी 11 पर्यटकों का रेस्क्यू कर लिया गया है. बचाव दल की टीम ने ट्रॉली में फंसे लोगों को एक-एक कर नीचे सुरक्षित पहुंचाया.
ये केबल कार ट्रॉली 250 से 300 फुट की ऊंचाई पर फंसी थी. रस्सी की सहायता से ट्रॉली से बाकी को निकाला गया. सोलन जिला पुलिस प्रमुख के मुताबिक पर्यटकों को बाहर निकालने के लिए केबल पर एक रेस्क्यू ट्रॉली लगाई गई. ट्रॉली की टेक्निकल टीम भी मौके पर मौजूद थी.
हवा में अटकी जान!
हिमाचल प्रदेश के परवाणू में सोमवार दोपहर बीच रास्ते में रुकी एक केबल कार में 11 लोग फंस गए थे. तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है. हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने बताया था कि दो केबल कारों में कुल 15 लोग फंसे हुए थे. चढ़ाई वाली ट्रॉली में चार और डाउनहिल ट्रॉली में 11 लोग फंसे थे. एनडीआरएफ (NDRF) की टीम जल्द मौके पर पहुंची थी. एयरफोर्स को भी अलर्ट कर दिया गया था.
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
सभी लोगों को सुरक्षित निकाले जाने से पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर (Jai Ram Thakur) ने कहा था कि सोलन के परवाणू टिंबर ट्रेल में फंसे पर्यटकों का रेस्क्यू अभियान जारी है. घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री खुद ही घटनास्थल पर जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन मौके पर है और एनडीआरएफ (NDRF) और प्रशासन की मदद से जल्द सभी यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया जाएगा.
साल 1992 में भी हुआ था ऐसा हादसा
इससे पहले अक्टूबर 1992 में यहां इसी तरह की एक घटना हुई थी. हादसे में ऑपरेटर ने ट्रॉली से छलांग लगा दी थी. सेना और वायु सेना (Air Force) के ऑपरेशन के बाद 10 पर्यटकों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया था. दरअसल सोलन स्थित टिंबर केबल कार ट्रॉली (Cable Car Trolly) का मजा लेने के लिए हिमाचल समेत पंजाब और चंडीगढ़ से लोग पहुंचते हैं. केबल कार टिम्बर ट्रेल निजी रिसॉर्ट की एक लोकप्रिय विशेषता है, जो चंडीगढ़ से कसौली और शिमला के मार्ग पर लगभग 35 किलोमीटर दूर है.