Rain Alert: पहले बारिश, फिर भूस्खलन और अब 'पानी का विस्फोट'...आपदा की तिकड़ी ने 4 राज्यों में मचाया कोहराम, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
Rain Devastation in Delhi: हिमाचल प्रदेश से लेकर केरल तक लोग इस वक्त प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं. बारिश और भूस्खलन की वजह से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
Cloudburst in Himachal Pradesh-Uttarakhand: देश में इस वक्त भारी बारिश हो रही है. उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक बारिश ने तबाही मचाई हुई है. पहाड़ी राज्यों में बादल फटने से दर्जनों लोग लापता हो गए हैं. भूस्खलन ने भी इन राज्यों में लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश इस वक्त कुदरत की सबसे खराब मार का सामना कर रहे हैं. इधर दिल्ली-एनसीआर में बुधवार (31 जुलाई) रात हुई भारी बारिश ने जगह-जगह जलजमाव कर दिया है. कई जगहों पर नुकसान भी हुआ है.
दक्षिण में बात करें तो केरल का वायनाड भयानक भूस्खलन का सामना कर रहा है. यहां हुई भारी बारिश की वजह से वायनाड में इतना भीषण भूस्खलन हुआ कि अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लापता लोगों की संख्या भी 200 से ज्यादा है. फिलहाल इन सभी राज्यों में लोगों के लिए राहत-बचाव का कार्य चल रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं अभी तक किस राज्य में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से कितना ज्यादा नुकसान हुआ और किस तरह से इन प्राकृतिक आपदाओं से निपटा जा रहा है.
हिमाचल प्रदेश में तीन जगह फटे बादल
देश के उत्तर में मौजूद पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में तीन जगह बादल फटने की घटनाएं हुई हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार हालात का जायजा ले रहे हैं. शिमला में रामपुर उपमंडल के समाघ खुद (नाला) में, कुल्लू के मलाणा में, मंडी जिले के थलटूखोड़ के पास गांव राजमण में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं. इस आपदा से कई मकान-दुकान बह गए हैं. हिमाचल में अभी तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 लोग लापता बताए गए हैं.
शिमला के रामपुर रवाना हुए मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुक्खू शिमला के रामपुर में हुई भारी तबाही के बाद वहां पहुंच रहे हैं. फिलहाल जहां-जहां बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं, वहां राहत एवं बचाव कार्य जारी है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी सहित पुलिसकर्मी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में जुटे हुए हैं. पूरा प्रशासन मौके पर लोगों की मदद के लिए मौजूद है. माना जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है. मुख्यमंत्री ने सेना को अलर्ट रहने को कहा है. हिमाचल प्रदेश में बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी कर दिया गया है.
गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने सीएम सुक्खू से की बात
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बादल फटने के बाद स्थिति का आकलन करने के लिए हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की. उन्होंने मुख्यमंत्री को केंद्रीय सहायता और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल का समर्थन प्रदान करने का आश्वासन दिया. स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी मुख्यमंत्री सुक्खू से बात की है. उन्होंने सरकार की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा दिया है. बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने जयराम ठाकुर और प्रदेश अध्यक्ष से बात की और सभी कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में लगने का निर्देश दिया.
हिमाचल प्रदेश में कितना नुकसान हुआ?
बादल फटने की घटना देर रात को हुई. इस वजह से ज्यादा नुकसान हुआ है. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि बादल फटने से वाहनों के गुजरने के लिए बनाए चार पुल और पैदल पुल बह गए हैं. सेब की फसल भी बर्बाद हो गयी है. मंडी जिले के पधर में थालटूखोद इलाके में कुछ मकान ढह गए हैं और सड़क संपर्क बाधित हो गया है.
मंडी जिला प्रशासन ने भारतीय वायु सेना और एनडीआरएफ से मदद मांगी है. ब्यास नदी के उफान पर होने के कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है. कुल्लू के भागीपुल में भी मकानों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें आ रही हैं और पार्वती नदी तथा मलाना खुद में बाढ़ के कारण कुल्लू के भुंटार इलाके में भी अलर्ट जारी किया गया है.
मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण टूट या है और ब्यास नदी का पानी मंडी के पंडोह में कुछ घरों में घुस गया ह.। कुछ लोगों के लापता होने तथा इलाके में मकानों तथा दुकानों के ढह जाने की भी सूचना है.
लोगों की मदद के लिए अधिकारियों को दिया निर्देश: सीएम धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और स्टेट इमरजेंसी सेंटर में भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों की स्थिति का जायजा लिया. धामी ने कहा, "मैंने अधिकारियों को उन लोगों की मदद करने का निर्देश दिया है, जो भारी बारिश से प्रभावित हैं. साथ ही जो लोग नदियों और नालों में उफान से प्रभावित हैं उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए. मैंने सभी को सतर्क रहने का निर्देश दिया है."
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया, "जनपद रुद्रप्रयाग एवं टिहरी गढ़वाल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई एवं स्थलीय निरीक्षण करूंगा. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित किया जा रहा है. इन क्षेत्रों में फंसे स्थानीय लोगों व पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने हेतु हम निरंतर प्रयासरत हैं."
केदारनाथ यात्रा स्थगित करने की सलाह
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की ओर से केदारनाथ दर्शन के लिए रुद्रप्रयाग तक पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए एक परामर्श जारी किया गया है, जिसमें उनसे कहा गया है कि वे फिलहाल जहां भी हैं, सुरक्षित रूके रहें और अपनी केदारनाथ धाम यात्रा को स्थगित कर दें. परामर्श में कहा गया है कि इस समय सोनप्रयाग से आगे मोटरमार्ग और पैदल मार्ग की स्थिति बिल्कुल भी सही नहीं है. बीती रात भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया तथा पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिरकर रास्ते में आ गए हैं.
वायनाड में 200 से ज्यादा लोगों की मौत
वायनाड में भूस्खलन हादसे में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 277 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं. पीड़ितों की खोज होने पर मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. बचावकर्मी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी तलाश एवं बचाव अभियान जारी रखे हैं लेकिन कई लोगों का अब तक पता नहीं चल पाया है. बचावकर्मी नष्ट हो चुके घरों और इमारतों में लोगों की तलाश कर रहे हैं, लेकिन चारों ओर मलबा होने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बेली ब्रिज किया जा रहा तैयार
बचाव अभियान तेज करने के लिए मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को जोड़ने के लिए 190 फुट लंबा ‘बेली ब्रिज’ बनाया जा रहा है. गुरुवार तक इस पुल के बनकर तैयार होने की उम्मीद है. रक्षा विभाग के एक जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि तेजी से पुल का निर्माण किया जा रहा है. मद्रास इंजीनियर्स ग्रुप की टीम चूरलमाला में तेजी से पुल का निर्माण कर रही है.
दिल्ली हुई बारिश से बेहाल
दिल्ली में बुधवार को हुई बारिश का असर गुरुवार तक देखने को मिला है. जगह-जगह पानी भरा हुआ है. सुबह के वक्त काम के लिए लोगों को आईटीओ से लेकर कालिंदी कुंज तक भारी जाम का सामना करना पड़ा. प्रमुख इलाकों में यातायात जाम हो गया और सड़कें नदियों जैसी दिखने लगीं, जिससे लोग जहां-तहां फंस गए. बुधवार को हुई बारिश से कई जगहों पर दीवार गिरने की खबरें सामने आईं. दरियागंज में एक स्कूल की दीवार वहां खड़ी कार पर गिर गई. इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है.
दिल्ली में कहां-कहां हुआ नुकसान और गई जान?
गाजीपुर में 22 वर्षीय एक महिला और उसके बच्चे की डूबने से मौत हो गई. गाजीपुर पुलिस के अनुसार, तनुजा और उनका तीन वर्षीय बेटा प्रियांश साप्ताहिक बाजार से घरेलू सामान खरीदने के लिए निकले थे कि तभी जलभराव के कारण वे नाले में फिसल गए और डूब गए. यह घटना खोड़ा कॉलोनी इलाके के पास हुई, जहां सड़क किनारे नाले का निर्माण चल रहा था.
भारी बारिश के कारण उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी इलाके में रॉबिन सिनेमा के पास एक मकान ढह गया, जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया. दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के वसंत कुंज में एक अन्य घटना में दीवार गिरने से एक महिला घायल हो गई.
दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में जलभराव वाली सड़कों पर चप्पलें तैरती देखी गईं, जबकि वाहन रेंग रहे थे. प्रगति मैदान सुरंग में भी जलभराव के कारण अफरातफरी का माहौल रहा. आईटीओ चौराहा, धौला कुआं क्षेत्र और हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़क पर जलभराव के कारण यातायात जाम हो गया. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में बारिश का पानी घुस गया, जहां ऑनलाइन साझा की गई एक कथित तस्वीर में लोग घुटनों तक पानी में बैठे दिखाई दे रहे हैं.
यह भी पढ़ें: Rain Alert: कहीं कांवड़ तो कहीं मौसम के चलते छुट्टी, कहां-कहां स्कूल बंद, देखें पूरी लिस्ट