शिमला: शिमला में तीन दिन की बर्फ़बारी ने सामान्य जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. बर्फ़बारी के बाद गुरुवार को शिमला में सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा. पिछले तीस सालों में ये दूसरा मौका था जब 2008 के बाद तापमान माइनस 3.7डिग्री रिकॉर्ड किया गया. हिमाचल के कई ऐसे क्षेत्र है जहां वर्षो बाद बर्फ़बारी देखने को मिली. ठंड से नलकों में पानी जम गया कई जगह बिजली गुल हो गई.
मौसम केन्द्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि उनके पास पिछले तीस सालों का रिकॉर्ड है. जिसके मुताबिक शिमला में 12 साल बाद सबसे ठंडा दिन रहा. इससे पहले 2008 में माइनस 4.4 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया था. उन्होंने ये भी बताया को 1945 में शिमला का तापमान माइनस 10 डिग्री रहा था. शिमला के खड़ापत्थर, नारकण्डा आदि में 4 से 5 फ़ीट तक बर्फ़बारी हुई है.
शिमला में बर्फ़बारी के बाद सड़कों में अभी भी फ़िसलन है जिसकी वजह से बसें नही चल रही हैं. सुबह दूध ब्रेड व अखबार भी शिमला में नही पहुंच पाया. डीसी शिमला अमित कश्यप ने बताया कि चंडीगढ़ व बिलासपुर की ओर से सड़कों को खोल दिया गया है. जबकि ऊपरी शिमला में हुई भारी बर्फबारी के चलते अभी सड़कें बन्द पड़ी हैं. कुफ़री, नारकण्डा, खड़ापत्थर में 4 से 5 फुट तक बर्फ़बारी हुई है. वहां अभी सड़कों को खोलने का काम जारी है. उन्होंने पर्यटकों से वाहनों को सावधानी से चलाने का आग्रह किया है.
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