Himachal Pradesh Election 2022: दो दिन बाद यानी कि 12 नवंबर को हिमाचल प्रदेश में मतदान होंगे. भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस पहाड़ी राज्य में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इस चुनाव में इन पार्टियों ने जीतने के लिए सब कुछ झोंक दिया है. हालांकि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को अंदरूनी बगावत का सामना करना पड़ रहा है जो कि चिंता का विषय है. सत्ता में दोबारा आने का सपना देख रही बीजेपी के सामने उसकी ही पार्टी के बागी नेता खड़े हो गए हैं, जिससे हिमाचल में बीजेपी के लिए कांग्रेस को रोक पाना मुश्किल हो सकता है.
ऐसे ही दो दिन पहले इस खबर पर मोहर लग गई कि बीजेपी हिमाचल प्रदेश चुनाव से पहले पार्टी के भीतर विद्रोह का सामना कर रही है. इस बीच एक रिपोर्ट आई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के एक बागी नेता को मनाने की कोशिश की है, लेकिन वो नहीं माने. पीएम मोदी ने बीजेपी के बागी नेता कृपाल परमार को कथित फोन कर मनाया था. कृपाल परमार मजबूती से निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए मुकाबले में बने हुए हैं. कृपाल परमार जैसे बीजेपी के 18 ऐसे नेता हैं जो निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं.
क्या हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के बागी समीकरण बिगाड़ सकते हैं? प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 35 है, ऐसे में 18 सीटों से बागियों का उतरना बीजेपी के लिए चुनाव जीतना मुश्किल कर सकता है? आइए जानते हैं कि वो 18 सीटें कौन सी हैं जिसपर बीजेपी के बागी ताल ठोंक रहे हैं.
किन्नौर सीट से तेजवंत सिंह नेगी
हिमाचल के किन्नौर जिले की सदर सीट इस बार चर्चा में है. पिछले विधानसभा चुनाव में तेजवंत सिंह नेगी इस सीट से उम्मीदवार थे. दिलचस्प बात ये है कि 2017 के चुनाव में तेजवंत नेगी, कांग्रेस के जगत सिंह नेगी से महज 120 वोट से हारे थे. लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया है और नए प्रत्याशी सूरत नेगी को टिकट दिया है. वहीं टिकट कटने के बाद तेजवंत नेगी ने अपना पर्चा वापस नहीं लिया, जिससे बीजेपी ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया.
चंबा सीट से इंदिरा कपूर
चंबा जिले की सदर सीट से पवन नैयर विधायक हैं. पवन नैयर इससे पहले कांग्रेस में थे. मगर, जब बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट आई तो उनका टिकट काटकर इंदिरा कपूर को दे दिया गया. टिकट कटा तो उन्होंने समर्थकों के साथ अपनी ताकत दिखाई, जिसके बाद नामांकन से ठीक पहले बीजेपी ने इंदिरा कपूर का टिकट काट दिया और पवन नैयर की पत्नी नीलम नैयर को टिकट दे दिया. अब सदर सीट से इंदिरा कपूर ने बगावत कर दी है और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया है.
कांगड़ा सदर सीट से कुलभाष चौधरी
कांगड़ा जिले की सदर सीट से कुलभाष चौधरी बीजेपी से खासे नाराज हैं और वो पार्टी के बागी नेता हो गए हैं. टिकट कटने से कुलभाष चौधरी ने बीजेपी के खिलाफ निर्दलीय पर्चा भर दिया है. कुलभाष चौधरी की अपने क्षेत्र के लोगों में अच्छी पैठ मानी जाती है. यहां से बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस नेता पवन काजल को टिकट दिया है.
धर्मशाला सीट से विपिन नेहरिया
कांगड़ा जिले की धर्मशाला सीट से बीजेपी नेता विपिन नेहरिया ने पार्टी से बगावत की है. धर्मशाला सीट से 2017 के चुनाव में किशन कपूर जीते थे. मगर, 2019 के लोकसभा चुनाव जीतकर किशन कपूर सांसद बन गए, जिसके बाद हुए उपचुनाव में बीजेपी ने विशाल नेहरिया को उम्मीदवार बनाया और वे जीत गए. इस बार धर्मशाला से विपिन नेहरिया ने टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने राकेश चौधरी को टिकट दे दिया. विपिन नेहरिया निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.
कुल्लू की अन्नी सीट से किशोर लाल
कुल्लू की अन्नी से किशोर लाल विधायक हैं, लेकिन बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया है, जिससे वह बागी हो गए हैं. अन्नी से इस बार बीजेपी ने लोकेंद्र कुमार को टिकट दिया है.
इंदौरा सीट से मनोहर धीमान
कांगड़ा जिले की ही इंदौरा सीट से रीता धीमान बीजेपी विधायक हैं. 2017 चुनाव में रीता धीमान ने कांग्रेस के कमल किशोर को महज 1005 वोटों से हराया था. बीजेपी ने इस बार भी रीता धीमान को टिकट दिया है. मगर, पार्टी के नेता मनोहर धीमान टिकट ना मिलने से बीजेपी से नाराज हो गए हैं. यहां से मनोहर धीमान ने बगावत कर दी है जिससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
नालागढ़ सीट से केएल ठाकुर
बीजेपी ने सोलन जिले की नालागढ़ सीट से पिछली बार केएल ठाकुर टिकट दिया था. केएल ठाकुर को पिछले चुनाव में कांग्रेस के लखविंदर सिंह राणा ने हरा दिया था. लेकिन इस बार कांग्रेस विधायक लखविंदर सिंह राणा बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इस वजह से केएल ठाकुर का टिकट कट गया है. केएल ठाकुर ने पार्टी से बगावत कर दी है. ऐसे में ठाकुर बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते हैं.
फतेहपुर सीट से कृपाल परमार
कांगड़ा जिले के फतेहपुर विधानसभा सीट से कृपाल परमार बीजेपी से टिकट के प्रबल दावेदार थे. लेकिन पार्टी ने यहां से राकेश पठानिया को टिकट दे दिया है, जिससे कृपाल परमार बीजेपी से नाराज होकर बागी हो गए हैं. कृपाल परमार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था. वो पूर्व सांसद हैं और क्षेत्र में खासी पैठ रखते हैं.
सुंदरनगर सीट से अभिषेक ठाकुर
सुंदरनगर सीट से बीजेपी ने मौजूदा विधायक राकेश कुमार जम्वाल को टिकट दिया है. मगर, पूर्व मंत्री रूप सिंह ठाकुर के बेटे अभिषेक ठाकुर ने सुंदरनगर से टिकट ना मिलने से बगावत कर दी है. अभिषेक ने निर्दलीय नामांकन भरा है.
कुल्लू की सदर सीट से राम सिंह
कुल्लू जिले की सदर सीट से बीजेपी नेता राम सिंह नाराज बताए जा रहे हैं. इस बार बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है, लेकिन राम सिंह को पार्टी ने 2012 में टिकट दिया था. यहां से बीजेपी ने इस बार नरोत्तम सिंह को टिकट दिया है.
मनाली सीट से महेंद्र सिंह ठाकुर
कुल्लू जिले की मनाली विधानसभा सीट से बीजेपी ने दो बार के विधायक गोविंद सिंह ठाकुर को टिकट दिया है. लेकिन पार्टी के नेता महेंद्र सिंह ठाकुर भी टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला है. नाराज महेंद्र सिंह ठाकुर ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया है.
बंजार सीट से हितेश्वर सिंह
बंजार सीट से बीजेपी नेता हितेश्वर सिंह ने बगावत की है. बीजेपी हितेश्वर सिंह को टिकट नहीं देना चाहती थी इसलिए नाराज होकर हितेश्वर सिंह ने निर्दलीय पर्चा भर दिया है.
बड़सर सीट से संजीव शर्मा
हमीरपुर जिले की बड़सर सीट पर टिकट ना मिलने से बीजेपी के संजीव शर्मा पार्टी के खिलाफ उतर गए हैं. बीजेपी ने यहां से माया शर्मा को टिकट दिया है. संजीव शर्मा ने माया शर्मा के खिलाफ नामांकन भरा है.
बिलासपुर सीट से सुभाष शर्मा
बिलासपुर सीट से बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा दो बार विधायक रह चुके हैं. लेकिन इस बार नड्डा के गढ़ में बगावत हो गई है. बीजेपी ने मौजूदा विधायक सुभाष ठाकुर का टिकट काट दिया है और त्रिलोक जम्वाल को टिकट दिया है. सुभाष ठाकुर शांत बैठ गए हैं लेकिन बीजेपी नेता सुभाष शर्मा इस सीट से बागी हो गए हैं.
झंडूता सीट से राजकुमार कोंडल
झंडूता सीट से राजकुमार कोंडल ने बीजेपी के खिलाफ मोर्टा खोल दिया है. बीजेपी ने मौजूदा विधायक जे आर कटवाल को टिकट दे दिया है. लेकिन राजकुमार ने बीजेपी से नाराज होकर झंडूता से निर्दलीय नामांकन भरा है, जो पार्टी के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है.
नाचन सीट से ज्ञानचंद
मंडी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला है. यहां की नाचन सीट पर बीजेपी बगावत का सामना कर रही है. बीजेपी ने मौजूदा विधायक विनोद कुमार को ही टिकट दिया है. लेकिन टिकट पाने की आस लगाए बैठे बीजेपी नेता ज्ञानचंद ने बगावत कर दी है.
मंडी सीट से प्रवीण शर्मा
मंडी सीट से बीजेपी ने मैजूदा विधायक और वरिष्ठ नेता अनिल शर्मा को टिकट दिया है. यहां के क्षेत्रीय नेता प्रवीण शर्मा टिकट की मांग की थी लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला जिससे वो नाराज हो गए हैं. प्रवीण ने अनिल शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
देहरा सीट से होशियार सिंह
देहरा से होशियार सिंह विधायक हैं. पिछले चुनाव में वो 4 हाजर से ज्यादा वोटों से जीते थे. लेकिन इस चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया है. यहां से रमेश चंद को टिकट दिया गया है. इसके बाद होशियार सिंह बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय नामांकन भर दिया है.