Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों (Himachal Pradesh Election Dates) की तारीखों का एलान हो गया है. ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल घूम रहे हैं. सर्द हवाओं वाले इस राज्य में आने वाली सियासी गर्मी के बीच क्या होने जा रहा है? आखिर हिमाचल प्रदेश के चुनावों में फाइट कैसी होने वाली है. इन सवालों को हम यहां आंकड़ों के जरिए समझने की कोशिश कर रहे हैं.
मामला इसलिए और भी रोचक हो गया है कि दो पार्टियों के बीच अब तक होने वाली फाइट में तीसरी पार्टी (AAP) की एंट्री ने जंग को और दिलचस्प कर दिया है. AAP अब तक कांग्रेस और बीजेपी के बीच होती आई सियासी टक्कर को कांटे की टक्कर में तब्दील कर सकती है. 68 सीटों वाली इस विधानसभा का सियासी गणित कैसा है आसान भाषा में जानिए पूरी बात.
हिमाचल के लिए जरूरी तारीखें
हिमाचल में चुनावों के एलान के बाद साफ हो गया है कि विधानसभा चुनावों में एक ही फेज में वोटिंग होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, हिमाचल में 17 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी होगा. हिमाचल में एक ही फेज में चुनाव होगा. 25 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. 27 तक नामांकनों की स्क्रूटनी होगी. 29 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं. वहीं हिमाचल का सियासी भविष्य चुनने के लिए मतदाता 12 नवंबर को वोट डालेंगे. 8 दिसंबर को काउंटिंग के साथ ही साफ हो जाएगा कि राज्य में कौन सत्ता हासिल कर रहा है.
क्या कहता है सीटों का गणित
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के आंकड़ों पर गौर करें तो कुछ दिलचस्प पहलू सामने आते हैं. 2008 के परिसीमन के बाद से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए कुल 68 सीटों पर चुनाव होते हैं. हिमाचल प्रदेश के 2017 के चुनाव परिणाम के मुताबिक 68 सीटों में से बीजेपी गठबंधन को 44 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं इस चुनाव में कांग्रेस गठबंधन ने 21 सीटों पर परचम लहराया था. अन्य के खाते में 3 सीट आई थीं. यहां सीटों के मामले में बीजेपी और कांग्रेस में बड़ा अंतर नजर आता है, लेकिन वोट शेयर की कहानी कुछ और ही है, जो टफ फाइट की तरफ इशारा कर रही है, क्योंकि 2017 के परिणामों में कई सीटों पर जीत-हार का अंतर बहुत बड़ा नहीं रहा.
हिमाचल चुनाव परिणाम (2017)
कुल सीटें- 68
बीजेपी- 44
कांग्रेस- 21
अन्य- 3
वोट शेयर से हो सकता है खेल
वोटों के फासले की बात करें तो 2017 के विधानसभा चुनाव में एक रोचक तस्वीर देखने को मिली. हिमाचल में बीजेपी ने 49 फीसदी वोट शेयर पर कब्जा किया. वहीं कांग्रेस को 42 फीसदी वोट मिले थे. अन्य के हिस्से में 9 फीसदी वोट आए थे. इसका सीधा सा मतलब ये है कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोट शेयर का फासला बहुत बड़ा नहीं है. यही वजह है कि इस चुनाव में दोनों ही पार्टियों के बीच टफ फाइट की बात हो रही है.
वोटों में कितना फासला (2017)
हिमाचल विधानसभा चुनाव वोटर
बीजेपी- 49%
कांग्रेस- 42%
अन्य-9%
क्या कहते हैं 2012 के आंकड़े
हिमाचल प्रदेश के 2012 विधानसभा चुनावों की बात करें तो इस साल हुए चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनते हुए कांग्रेस ने सरकार बनाई थी. इस साल हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 68 में से 36 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं बीजेपी 26 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. 6 सीटें अन्य के खाते में गई थीं.
हिमाचल प्रदेश चुनाव (2012)
कांग्रेस-36
बीजेपी-26
अन्य-6
2012 का वोट शेयर भी कह रहा वही बात
वहीं साल 2012 के वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी और कांग्रेस के वोट शेयर में इस साल भी बहुत बड़ा अंतर नहीं रहा. 38.47 फीसदी वोट शेयर पर बीजेपी ने कब्जा किया था. वहीं कांग्रेस के हिस्से 42.81 फीसदी वोट आए थे. अन्य के खाते में 18.72 फीसदी वोट आया था.
हिमाचल प्रदेश वोट शेयर (2012)
बीजेपी-38.47
कांग्रेस- 42.81
अन्य- 18.72
लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने मारी बाजी
इन चुनावों से अलग लोकसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश की तस्वीर साफ करने की कोशिश करें तो नतीजे बीजेपी के पक्ष में नजर आते हैं. बीजेपी ने साल 2019 के आम चुनावों में हिमाचल की 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं कांग्रेस किसी भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी थी. पीएम मोदी की लहर में साल 2014 का चुनाव परिणाम बीजेपी के पक्ष में था. राज्य की 4 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी, वहीं कांग्रेस किसी भी सीट पर जीत नहीं दर्ज कर सकी. 2019 में भी पीएम मोदी की लहर का असर इस पहाड़ी राज्य में भी देखने को मिला था.
लोकसभा चुनाव 2019 नतीजे
बीजेपी-4
कांग्रेस- 0
नतीजे
लोकसभा चुनाव 2014 नतीजे
बीजेपी-4
कांग्रेस-0
इसलिए और रोचक हो गई लड़ाई
इस बार का विधानसभा चुनाव रोचक होने की एक बड़ी वजह ये भी सामने आ रही है कि इस बार पंजाब की जीत से कॉन्फिडेंस में नजर आ रही आम आदमी पार्टी भी चुनावी ताल ठोंक रही है. अगर आम आदमी पार्टी 68 सीटों में से कुछ सीटें हासिल कर ले तो इससे बीजेपी और कांग्रेस दोनों की सीटों और वोट शेयर पर सीधा सा असर पड़ेगा. यानी जो पार्टी बेहतर ढंग से चुनाव में उतरेगी, नतीजे उसके पक्ष में आ सकते हैं.