Himachal Pradesh Election : हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने तीखा रवैया अपनाए रखा. बीजेपी नेता संजय टंडन ने कहा, ‘‘पार्टी ने मंगलवार शाम से ‘नया रिवाज बनाएंगे, फिर भाजपा लाएंगे’ की टैगलाइन के साथ अभियान की शुरुआत की. टैगलाइन ज़ाहिर तौर पर प्रत्येक विधानसभा चुनाव में वैकल्पिक दलों की सरकारों को चुनने वाली राज्य की प्रवृत्ति को दर्शाती है.
बीजेपी ने 15 सेकंड के छोटे-छोटे वीडियो मैसेज तैयार किए हैं, जिनमें से कुछ मैसेजों में पुरानी पार्टियों को निशाना बनाया गया है. दूसरी ओर कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों के समय कथित तौर पर बड़े वादे करने और उसे पूरा नहीं करने के लिए बीजेपी पर निशाना साधा है.
हिमाचल का विशेष दर्जा छीन लिया
बीजेपी के एक वीडियो मैसेज के मुताबिक, ‘‘उन्होंने (कांग्रेस) हिमाचल का विशेष दर्जा छीन लिया और हमने उसे सम्मानपूर्वक लौटा दिया.’’ यह मैसेज बीजेपी नेताओं के चुनाव प्रचार के दौरान इस बात का उल्लेख है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा और एक औद्योगिक पैकेज दिया था, जिसे बाद में तत्कालीन कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) सरकार ने खत्म कर दिया था.
कांग्रेस ‘‘टुकड़े-टुकड़े’’गिरोह चलाती है.
बीजेपी के एक मैसेज के मुताबिक, पार्टी देश में एकता को मजबूत करती है, जबकि कांग्रेस ‘‘टुकड़े-टुकड़े’’ गिरोह चलाती है. बीजेपी ने विपक्षी दल के शासन के दौरान कथित घोटालों को लेकर भी निशाना साधा है. सत्तारूढ़ दल ने कहा कि उसने राज्य में एक ईमानदार और पारदर्शी शासन दिया है. एक अन्य वीडियो मैसेज के मुताबिक, ‘‘हिमाचल की पुकार, फिर एक बार ईमानदार डबल इंजन बीजेपी सरकार.’’
बीजेपी शासन में सड़कों की हालत वाकई खराब हो गई है
कांग्रेस ने ‘‘डबल इंजन वाली’’ सरकार के बीजेपी के बार-बार किए गए दावे पर भी कटाक्ष किया, इसे ‘ट्रबल (परेशानी) इंजन’ करार दिया है.’’ विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि बीजेपी शासन में सड़कों की हालत वाकई खराब हो गई है.
दोनों पार्टियां सोशल मीडिया पर दिखा रहे है आक्रामक रूप
कांग्रेस ने कहा, ‘‘सड़कें नालियों में बदल गई हैं. चलना मुश्किल हो गया है.’’ मैसेज के मुताबिक, ‘‘कांग्रेस का मतलब विकास और विश्वास की गारंटी.’’ दोनों पार्टियां अपने-अपने घोषणापत्र में जनता से किए गए वादों को प्रचारित करने के लिए सोशल मीडिया मंचों का आक्रामक रूप से उपयोग कर रही हैं.
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