HP Martyr Kulbhushan Manta: बारामुला में शहीद हुए कुलभूषण मांटा का पार्थिव शरीर उनके घर कुपवी पहुंच गया है. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जुट गई. बारामुला जिले में गत बुधवार को आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में घायल हुए सेना के जवान की इलाज के दौरान शहादत हो गई थी. मांटा हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की तहसील कुपवी के गांव गौंथ के रहने वाले थे.


तारीपोरा सुल्तानपोरा के जंगल में बुधवार को आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर पुलिस और सेना ने संयुक्त रूप से तलाशी अभियान चलाया. जहां छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी थी. इस फायरिंग में 52 राष्ट्रीय राइफ्ल का यह जवान गोलियां लगने से घायल हो गया. शहीद अपने पीछे पत्नी नीतू कुमारी व दुधमुहि बच्ची को छोड़ गए हैं. वे अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे. शहीद जवान के पार्थिव शरीर उनके गांव में लाया जाएगा.


साल 2014 में सेना में भर्ती हुए थे कुलभूषण मांटा
जानकारी के अनुसार कुलभूषण मांटा के पिता का नाम प्रताप सिंह और माता का नाम दूरमा देवी है. उनकी तीन बहनें रेखा, किरण और रजनी हैं. इनमें से दो बहनों रेखा और किरण की शादी हो चुकी हैं. वहीं रजनी अभी अविवाहित है. शहीद कुलभूषण मांटा की पत्नी का नाम नीतू कुमारी है और एक ढाई महीने का बेटा है. 


बताया जा रहा है कि वह साल 2014 में सेना में भर्ती हुए थे और 26 साल की उम्र में ही शहीद हो गए. गांव के लोगों के मुताबिक कुलभूषण मांटा बहुत की नेक दिल इंसान थे. कुपवी के एसडीएम नारायण चौहान ने बताा कि शहीद की पार्थिव देह को शुक्रवार को हेलीकॉप्टर से कुपवी लाया जाएगा और फिर अंतिम संस्कार होगा.


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