शिमला में पानी की भारी किल्लत, मेयर ऑफिस में हंगामे पर पुलिस ने बरसाई लाठियां
प्रदर्शनकारी शिमला नगर निगम से पानी की किल्लत की शिकायत करने पहुंचे. वहां पानी के टैंकरों की बुकिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की. जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो लोग उनसे भिड़ गए और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला में पानी की किल्लत के खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़क पर उतर आया है. लोग कहीं हाथ में बाल्टी लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो कहीं गले में तख्तियां लटकार सीपीआई के कार्यकर्ता पानी मांग रहे हैं. प्रदर्शनकारी नगर निगम से इसकी शिकायत करने भी पहुंचे. वहां पानी के टैंकरों की बुकिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की. जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो लोग उनसे भिड़ गए और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
इसके बाद बेकाबू भीड़ मेयर के ऑफिस में घुस गई और हंगामा करने लगी. आपको बता दें कि शिमला की मेयर फिलहाल चीन के दौरे पर हैं. शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान ने बीजेपी सरकार पर टैंकर माफिया से मिलीभगत का आरोप लगाया है.
पानी की किल्लत क्यों? शिमला में आम दिनों में रोजाना 42 मिलियन लीटर पानी की सप्लाई होती है. जो इस बार गर्मी में घटकर 22 मिलियन लीटर रह गई है. पिछले तीन सालों में गर्मी में 29 मिलियन लीटर पानी की रोजाना सप्लाई होती थी लेकिन इस बार के हालात और खराब हो गए हैं. बड़ी बात ये है कि शिमला में रोजाना 10 मिलियन लीटर पानी बर्बाद हो जाता है.
शहर में पानी की कटौती भी की जा रही है. इसके तहत गवर्नर और सीएम हाउस को टैंकर से पानी नहीं मिलेगा. हाईकोर्ट ने वीवीआईपी को टैंकर से पानी देने से रोक लगाई है. अदालत ने नगर निगम को रोज पानी पर रिपोर्ट देने के लिए कहा है, जिसमें कितना पानी है, जनता को कितना मिला यह बताना होगा. शिमला में होने वाले अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव का आयोजन भी स्थगित कर दिया गया है.
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