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शिमला: जल संकट के बाद बारिश से मिली थोड़ी राहत, गर्मी की वजह से सूख गए थे ज्यादातर जल स्रोत
बताया जा रहा है कि अंग्रेजों के जमाने की बिछी पाइपलाइन अब तक बदली नहीं जा सकी, जिससे पानी लीकेज होता है.
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बारिश हो रही है. 15 दिन से जल संकट से जूझ रहे शिमला के लिए ये बारिश बड़ी राहत लेकर आई है. गर्मी के चलते यहां के जल स्रोत सूख गए थे. पानी की कमी होने से लोग सड़कों पर उतर आए थे. पहाड़ों की नगरी में पर्यटकों के आने के समय में दो हफ्ते तक पानी की किल्लत हो जाना बड़ी बात है.
पानी की कम सप्लाई से मचा हाहाकार
शिमला में कई दिनों से पानी के संकट को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. दरअसल गर्मी में पीक सीजन में शिमला को 5.5 करोड़ लीटर पानी की रोजाना जरूरत पड़ती है. आम दिनों में शिमला में रोजाना 4 करोड़ 20 लाख लीटर पानी की सप्लाई होती है. इस बार गर्मी में सिर्फ 2 करोड़ 20 लाख लीटर ही पानी की सप्लाई हो पा रही है.
भीषण गर्मी पड़ते ही सूखने लगे जलाशय
बताया जा रहा है कि अंग्रेजों के जमाने की बिछी पाइपलाइन अब तक बदली नहीं जा सकी, जिससे पानी लीकेज होता है. पिछले साल 72 फीसदी कम बारिश हुई थी, जिस वजह से जलाशय नहीं भरे और भीषण गर्मी पड़ते ही सूखने लगे.
पानी के संकट के बीच प्रशासन की बड़ी लापरवाही
शिमला में पानी के संकट के बीच प्रशासनिक लापरवाही भी सामने आई है. संजोली इलाके में नगर निगम के स्थानीय दफ्तर के पास बने टैंकों से हजारों लीटर पानी बह गया . दफ्तर के पास रहने वाले सूरज नाम के शख्स ने बताया है कि 50 से 60 हज़ार लीटर पानी बर्बाद हो गया.
हिमाचल के कई इलाको में आया तूफान
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में तूफान आ गया जिसमें कई पेड़ उखड़ गए और आंधी की वजह से शिमला और आस-पास के इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई. राज्य में चंबा, कांगरा, शिमला और कई अन्य जगहों पर तेज हवाएं चलने और बारिश होने से तापमान में गिरावट आई. वहीं, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में अधिकतम तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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