Himachal Results: 2 बागियों ने जीता चुनाव, 8 अन्य ने बीजेपी के वोट शेयर में सेंध लगाई
Himachal Pradesh BJP: हिमाचल में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने में बागियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है. तकरीबन एक दर्जन सीटों पर बागियों ने बीजेपी को हराने में बड़ी भूमिका निभाई.
Himachal Pradesh Result 2022: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में सिर्फ मौसम ही नहीं बदला, सत्ता में भी बदलाव हो गया है. हिमाचल की जनता ने अपनी परंपरा को कायम रखते हुए 5 साल बाद फिर से सत्ता में परिवर्तन कर दिया. प्रदेश में कांग्रेस (Congress) ने 40 और बीजेपी (BJP) ने 25 सीटों पर जीत हासिल की है. तीन सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत हुई है.
बीजेपी को सत्ता से बाहर करने में बागियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है. बीजेपी से बगावत करके चुनाव लड़ने वाले दो नेता भी विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुए हैं. पार्टी ने बागियों को बड़े हल्के में ले लिया, इसका नतीजा ये हुआ कि सरकार के 8 मंत्री ही चुनाव हार गए. बंजार, बिलासपुर, फतेहपुर ज्वालामुखी, पच्छाद, सुल्लह और ठियोग सीट पर बागियों ने बीजेपी को तगड़ा नुकसान पहुंचाया. इन सीटों पर बागियों की वजह से बीजेपी का वोट शेयर कम हुआ.
विधायक बनने वाले निर्दलीय उम्मीदवार
केएल ठाकुर- बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर केएल ठाकुर ने नालागढ़ विधानसभा सीट से निर्दलीय पर्चा भर दिया था और अब जीत हासिल की है. चुनाव आयोग के अनुसार उन्होंने कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी हरदीप सिंह बावा को 13,264 वोटों से हराया है. केएल ठाकुर ने साल 2012 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीता था, लेकिन 2017 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया गया था, वहीं बीजेपी ने दो बार कांग्रेस के विधायक रहे लखविंदर सिंह राणा को टिकट दिया था, जो चुनाव से पहले पार्टी में शामिल हुए थे.
आशीष शर्मा- हमीरपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के पुष्पेंद्र वर्मा को मात दी है. आशीष शर्मा को 12,899 वोटों से जीत मिली. बता दें कि हमीरपुर विधानसभा सीट परंपरागत रूप से बीजेपी का गढ़ रही है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी क्षेत्र से सांसद हैं. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी नरेंद्र ठाकुर के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया था. बताया जा रहा है कि हमीरपुर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करनेवाले निर्दलीय आशीष शर्मा ने टिकट के लिए बीजेपी और कांग्रेस से भी संपर्क साधा था. टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला किया.
होशियार सिंह- बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय मैदान में उतरने वाले होशियार सिंह इस बार निर्दलीय के रूप में विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुए हैं. 2017 में होशियार सिंह कांगड़ा जिले के देहरा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की टिकट पर विधायक बने थे. इस बार पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था, जिसके बाद वो बागी हो गए थे. उन्होंने देहरा सीट से बतौर निर्दलीय कैंडिडेट लड़ने का फैसला लिया था.
इन सीटों पर बागियों के कारण हारी बीजेपी
- धर्मशाला की सीट पर कांग्रेस के सुधीर शर्मा ने बीजेपी राकेश कुमार को 3,285 मतों से हराया. इस सीट पर बीजेपी से बगावत करने वाले विपिन नैहरिया ने पार्टी की लुटिया डुबो दी. बागी विपिन नैहरिया को 7,416 वोट मिले. विपिन नैहरिया धर्मशाला के बीजेपी एसटी मोर्चा के अध्यक्ष थे, लेकिन पार्टी उनको मनाने में नाकामयाब रही.
- इंदौरा सीट पर भी बागी के कारण बीजेपी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा. यहां से कांग्रेस के मलेन्द्र राजन ने बीजेपी की रीता देवी को 2,250 वोटों से मात दी. जबकि बीजेपी के बागी मनोहर धीमान को 4,442 वोट मिले हैं.
- कुल्लू से बीजेपी के नरोत्तम सिंह को कांग्रेस प्रत्याशी सुरेन्द्र सिंह ठाकुर ने 4,103 वोटों से हारा दिया. कांग्रेस प्रत्याशी को ये जीत सिर्फ बीजेपी से बगावत करने वाले राम सिंह के कारण मिली. बीजेपी के बागी राम सिंह ने पार्टी का 11,937 वोट काटकर कांग्रेस प्रत्याशी को विधानसभा पहुंचा दिया.
- बड़सर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के इंदरदत लखनपाल ने बीजेपी की माया शर्मा को 13,792 वोटों से हराया. वहीं बीजेपी के बागी संजीव कुमार को 15,252 वोट मिले.
- किन्नौर में भी बीजेपी ने पूर्व प्रत्याशी कुलवंत सिंह नेगी का टिकट काटा. बागी होकर चुनाव लड़ने पर उन्हें 8,574 वोट मिले. जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी जगत सिंह नेगी के जीत का अंतर 6,964 वोट था.
- ज्वालामुखी सीट पर बीजेपी के बागी अतुल चौधरी को 15.89 प्रतिशत वोट मिले, जिससे कांग्रेस के संजय रतन के लिए बीजेपी के रविंदर सिंह रवि को हराना आसान हो गया.
- फतेहपुर में तो पूर्व सांसद कृपाल परमार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आने की भी चर्चा रही, जिसका एक कथित वीडियो भी वायरल हुआ. परमार भले ही जीत नहीं सके हों, लेकिन उन्होंने बीजेपी को हराने का काम जरूर किया.
- बंजार और बिलासपुर सीटों पर भी बागी उम्मीदवारों हितेश्वर सिंह और सुभाष शर्मा के कारण बीजेपी को अपने वोट शेयर में विभाजन का सामना करना पड़ा, जिससे कांग्रेस प्रत्याशी बहुत कम अंतरों से जीतकर विधानसभा पहुच गया.
- पच्छाद की आरक्षित सीट पर भी भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप ने 34.52 फीसदी वोट पाकर चुनाव जीत लिया है. लेकिन बागी गंगू राम मुसाफिर ने 21.46 प्रतिशत वोट जरूर काट दिए.