(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kinnaur Landslide News: किन्नौर में भूस्खलन की चपेट में आकर अबतक 11 की मौत, करीब 50 लोगों के दबे होने की आशंका
Kinnaur Landslide News: हिमाचल प्रदेश में इस मानसून मौसम में कुल 218 लोगों की मौत हुई, 12 लोग लापता हैं. इससे पहले 25 जुलाई किन्नौर जिले में बटसेरी के पास हुए कई भूस्खलनों में 9 लोगों की मौत हो गई थी.
किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में कल एक बस और अन्य वाहनों के भूस्खलन की चपेट में आने से अबतक 11 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, 13 अन्य को बचा लिया गया है, जबकि अभी भी करीब 50 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. इस भूस्खलन का एक वीडियो सामने आया है. इसमें दिखा कि पहले तो पहाड़ से पत्थर नीचे नदी में गिरे. उसके बाद पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर और नदी में गिर जाता है.
मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है
राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता के मुताबिक, मृतकों में से आठ एक टाटा सूमो टैक्सी में फंसे पाए गए. मोख्ता ने कहा कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस, जो रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी, अब भी मलबे में दबी हुई है. अधिकारी ने कहा कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि एचआरटीसी की एक और बस और एक बोलेरो और उसके यात्री मलबे के नीचे नहीं पाए गए और उनका अब भी पता नहीं चल सका है. उन्होंने कहा कि यह संभव हो सकता है कि दोनों वाहन मलबे के साथ नीचे लुढ़क गए हों.
मोख्ता ने यह भी कहा कि एक टाटा सूमो मिली है जिसमें आठ लोग मृत पाए गए. उन्होंने कहा कि पत्थर गिरने से एक ट्रक नदी किनारे लुढ़क गया और चालक का शव बरामद कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि एक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त ऑल्टो कार भी बरामद की गई है. उन्होंने कहा कि कार के अंदर कोई नहीं मिला.
पीएम मोदी ने हरसंभव मदद का दिया आश्वासन
हादसे को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से किन्नौर में हुए भूस्खलन के चलते बनी स्थिति पर बात की. प्रधानमंत्री ने जारी बचाव अभियानों में हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया.’’ केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने भी भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए ठाकुर से बात की. गृह मंत्री ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को राहत एवं बचाव कार्यों में हिमाचल प्रदेश सरकार को हरसंभव मदद देने का निर्देश दिया.
भूस्खलन तब हुआ जब इलाके में बारिश नहीं हुई थी
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि बचाव अभियान के लिए एक हेलीकॉप्टर की भी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि भूस्खलन तब हुआ जब उस समय इलाके में बारिश नहीं हुई थी. राज्य के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मरने वालों में पांच महिलाएं और दो साल की एक बच्ची शामिल है. एक मृत व्यक्ति की पहचान अभी नहीं हो पायी है.
मोख्ता ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने नूरपुर से एनडीआरएफ को तलाशी एवं बचाव अभियान चलाने के लिए बुलाया है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी, स्थानीय पुलिस के सदस्य, होमगार्ड, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, त्वरित प्रतिक्रिया दल (पुलिस) और चिकित्सा दल सहित खोज और बचाव दल घटना स्थल पर हैं. उन्होंने कहा कि दस एम्बुलेंस, चार अर्थ मूवर, आईटीबीपी की 17वीं बटालियन के 52 जवान, पुलिस के 30 जवान और एनडीआरएफ के 27 जवान बचाव अभियान में शामिल हैं.
हिमाचल में इस मानसून मौसम में कुल 218 लोगों की मौत हुई
इससे पहले 25 जुलाई को किन्नौर जिले में बटसेरी के पास हुए कई भूस्खलनों में नौ लोगों की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे. इसी तरह 27 जुलाई को लाहौल-स्पीति जिले में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी, दो अन्य घायल हो गए थे और दो लापता हो गए थे. जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने 4 अगस्त को राज्य विधानसभा को सूचित किया था कि हिमाचल प्रदेश में इस मानसून मौसम में कुल 218 लोगों की मौत हुई है और 12 लोग लापता हैं.