नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के कसौली में जिस अवैध निर्माण को हटवाने गयी महिला अधिकारी की गोली मार कर हत्या कर दी गयी, उस अवैध निर्माण को हटाने का आदेश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पिछले साल दिया था. एनजीटी में दायर याचिका में कसौली में व्यापक तरीके से हो रहे अवैध निर्माण का ज़िक्र किया गया था. एनजीटी में दायर इस याचिका में 60 से ज़्यादा जगहों पर अवैध निर्माण का आरोप लगाया गया था.


याचिका में जिन जगहों पर अवैध निर्माण का ज़िक्र था उन्हीं में से नारायणी गेस्ट हाउस भी एक है. ये वही गेस्ट हाउस है जिसके मालिक ने वहां अवैध निर्माण हटवाने आयी महिला अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी.


एनजीटी में हुई सुनवाई में सामने आई थी ये बातें




  • नारायणी गेस्ट हाउस को चलाने की अनुमति अक्टूबर 1997 में दी गयी थी।

  • अनुमति के मुताबिक गेस्ट हाउस में चार मंजिला बनाई जा सकती थी. जिसमें बेसमेंट कार पार्किंग के लिए और बाकी तीन फ्लोर रहने के लिए.

  • अनुमति देते वक्त ये भी नहीं देखा गया कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये भी वहां कोई इंतज़ाम किया गया है कि नहीं.

  • इस सबके बावजूद उस बिल्डिंग की अनुमति पहले 2003, फिर 2004 और उसके बाद साल 2006 में ये अनुमति साल 2011 तक के लिए बढ़ा दी गयी.

  • इस बीच गेस्ट हाउस के मालिकों ने बेसमेंट के नीचे भी दो फ़्लोर बना दिये और उनका भी व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू हो गया.

  • यानी कि अनुमति थी चार फ्लोर की और बनाई छह फ्लोर.

  • जब साल 2016 में एक अधिकारी ने वहां का मुआयना किया तो पता चला कि गेस्ट हाउस में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किया गया था.


इसी रिपोर्ट के आधार पर एनजीटी ने इस इमारत में हुए अवैध निर्माण को हटाने का आदेश दिया था. एनजीटी के उस आदेश को अवैध अतिक्रमण करने का आरोप लगने वालों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी उनको राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद सुरक्षा दस्ते के साथ संबंधित विभाग के अधिकारियों की टीम अवैध निर्माण को गिराने के लिए पहुंची और उसी दौरान ये घटना घटी.


सरकार अब इस मामले में जांच करवाने के साथ ही दोषियों को कड़ी सजा देने की बात कर रही है. लेकिन इस घटना ने एक बार फिर सरकारी महकमें के भ्रष्टाचार को उजागर भी किया है. महिला अधिकारी की हत्या उस अवैध निर्माण को हटवाने के दौरान हुई जो सालों से सरकारी अफसरों की नाक के नीचे चला आ रहा था.