हिमांशी गांधी आत्महत्या मामला: मौत से पहले मित्र के साथ हुई आखिरी व्हाट्सएप चैट आई सामने, उलझी मौत की गुत्थी
ये चैट 24 जून की दोपहर 2 बज कर 26 मिनट से लेकर 3 बज कर 7 मिनट के बीच हुई थी. और इस चैट के लगभग आधे घंटे बाद हिमांशी ने सिग्नेचर ब्रिज पहुंचकर यमुना नदी में छलांग लगा दी.
नई दिल्ली: हिमांशी गांधी ने सिग्नेचर ब्रिज से यमुना नदी में कूदकर जान क्यों दी? ये सवाल अब भी बरकरार है. लेकिन अब इस मामले में कुछ तथ्य बाहर निकल कर आए हैं. हिमांशी के परिजनों को एक मोबाइल चैट का स्क्रीनशॉट मिला है, जो हिमांशी ने अपने एक मित्र के साथ व्हाट्सएप पर की थी. जिसमें हिमांशी ये लिख रही है कि आयुष को कह देना कि वह मर गई है. ये चैट 24 जून की दोपहर 2 बज कर 26 मिनट से लेकर 3 बज कर 7 मिनट के बीच हुई थी. और इस चैट के लगभग आधे घंटे बाद हिमांशी ने सिग्नेचर ब्रिज पहुंचकर यमुना नदी में छलांग लगा दी.
यमुना में कूदने से पहले 10 मिनट तक फोन पर बात करती रही थी हिमांशी
इस बीच पुलिस सूत्रों ने भी एक अहम जानकारी का खुलासा किया है, जिसमें पुलिस ने कहा है कि सीसीटीवी कैमरे में सिर्फ इतना ही नजर नहीं आया कि हिमांशी ने यमुना नदी में छलांग लगाई है, बल्कि छलांग लगाने से लगभग 10 मिनट पहले तक वह अपने मोबाइल से किसी से बात कर रही थी. यानी अपनी मौत को गले लगाने से पहले वह 10 मिनट तक किसी से मोबाइल पर बातचीत करती रही और फिर उसके बाद उसने यह कदम उठाया है.
क्या लिखा है चैट में
हिमांशी के परिजनों ने हिमांशी और सचिन के बीच हुई व्हाट्सएप चैट का एक स्क्रीनशॉट पुलिस को भी उपलब्ध करवाया है. हिमांशी के पिता का कहना है कि यह चैट 24 जून की दोपहर 2:26 से लेकर 3:07 तक चली थी. इस चैट में हिमांशी सचिन को लिख रही है, "सबको पता है मेरी तबीयत ठीक नहीं है. इसके बावजूद भी आप लोग इस तरह से बिहेव कर रहे हो. मुझे यह सब और देखा नहीं जा रहा. मेरा बैग घर ही भिजवा देना. अब मैं निकल रही हूं. यहां से भी. बहुत अच्छा कर रहे हो आप सब मिलकर. भैया मैं जा रही हूं. आज लास्ट टाइम था, जो मेरे किसी भी अपने ने मुझे देखा था और एम गोइंग टू क्वाइट माय लाइफ राइट नाउ ओन्ली. उसका जिम्मेदार आयुष है और आप सब लोग हो, जिस जिस ने मेरे साथ बदतमीजी करी है. आज की डेट में आयुष वैसे भी अपनी बहन के पीछे दुबक गया होगा अब तक, लेकिन बता देना उससे कि आज मर गई हिमांशी.”
हिमांशी के पिता लवेश गांधी का कहना है कि इस चैट से जाहिर होता है कि 24 जून को हिमांशी के साथ आयुष और उसके दोस्तों ने किस तरह का व्यवहार किया होगा. हिमांशी की मां का कहना है कि हिमांशी ने इसमें लिखा है उसके साथ बदतमीजी की गई है. आखिर वह बदतमीजी किस स्तर की हो सकती है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारी बेटी ने अपनी जान दे दी. वह अपना मोबाइल फोन और बैग भी उसी कैफे में छोड़ गई थी. संभव है कि उसके साथ मारपीट करके उसका यह सामान छीन लिया हो. यह सब बातें हम पुलिस को बता चुके हैं और हम अब भी यही कहते हैं कि हमारी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती. वह एक मजबूत इरादों वाली लड़की थी. उसे आत्महत्या के लिए उकसाया गया है और इसके पीछे आयुष और उसके दोस्तों का हाथ है.
1 साल से दोस्ती थी आयुष और हिमांशी के बीच में
हिमांशी की मां का कहना है कि आयुष से हिमांशी की दोस्ती लगभग 1 साल पहले हुई थी. हिमांशी यूट्यूब चैनल पर बनने वाले वीडियो में काम किया करती थी. आयुष ने कहा था कि वह उसके वीडियो के लिए भी काम करे, उसके प्रमोशन में मदद करें इससे दोनों को फायदा होगा. आयुष हमारे घर भी आया जाया करता था. 24 जून को आयुष कैफे की शुरूआत कर रहा था उस दिन सुबह 10:00 बजे के आसपास हमारी बेटी हमसे आशीर्वाद लेकर निकली थी. वह कह रही थी कि अभी हफ्ता 10 दिन कैफे का रिस्पांस देखेंगे अगर सही रहा तो वह भी इसकी पार्टनर बन जाएगी अचानक दोपहर में ऐसा क्या हो गया कि हिमांशी ने आत्महत्या कर ली. 24 जून को ही दोपहर 2:00 बजे हिमांशी का कुरियर आया था तब मैंने हिमांशी से फोन पर बात की थी वो उस समय डिस्टर्ब लग रही थी. लगभग 4 बजे आयुष का फोन मेरे पास आया. उसने बताया कि मेरा हिमांशी से झगड़ा हुआ. हिमांशी यहां से चली गयी है. उसे ढूंढ रहा हूं. वह अलग-अलग जगह बता रहा था लेकिन मेरे पति ने जब कहा कि मैं कमला नगर आ गया हूं तो वह दूसरी जगह बताने लगा.
हिमांशी जिंदादिल लड़की थी
हिमांशी जिन दो शख्स- विनय शर्मा और शेखरके साथ सोशल मीडिया पर वीडियो बनाया करती थी या यूं कहे की वीडियो में एक्टिंग किया करती थी उनका कहना है कि हिमांशी खुले विचारों की जिंदादिल लड़की थी. जो हंसमुख थी और किसी अनजाने से भी बेहद प्यार से बात करती थी. विनय शर्मा और शेखर का कहना है कि उन्हें जब यह मालूम हुआ कि हिमांशी ने यमुना नदी में कूदकर जान दे दी है, तो बेहद हैरानी हुई कि आखिर इतना जिंदादिल इंसान इस तरीके का कदम कैसे उठा सकता है. हमने 18 जून को आखरी वीडियो शूट किया था और हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते थे कि भविष्य में हिमांशी के साथ फिर काम नहीं कर पाएंगे. रही बात आयुष की तो हम लोग कभी आयुष से मिले नहीं थे. हिमांशी जब भी हमारे साथ वीडियो शूट कर रही होती थी तो आयुष का फोन आता था. वह अकेले में जाकर उससे बात करती थी. कई बार वह उसके फोन से इरिटेट भी हो जाती थी, क्योंकि फोन आने पर डिस्टर्बेंस भी होता था. उन दोनों के बीच में क्या हुआ, क्या नहीं यह हम नहीं जानते.
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