EXCLUSIVE: मुसलमानों की जातीय जनगणना पर असम CM हिमंत बिस्व सरमा का बड़ा बयान
Himanta Biswa Sarma On Caste Census: असम के CM हिमंत बिस्व सरमा ने असम में मुस्लिम समुदाय के लिए जातिगत जनगणना की ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि असम के मुस्लिम समाज के लोगों ने इसके लिए आवेदन किया है.
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Lok Sabha Elections 2024: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के प्रचार के बीच एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए जातिगत जनगणना का ऐलान किया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि असम के खुद मुस्लिम समाज के लोगों ने इसके लिए उनके पास आवेदन किया है.
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि मुस्लिम समाज के नेता बनने वाले लोग कट्टरपंथ के नाम पर दलाली करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 के दो चरणों का मतदान संपन्न हुए हैं, जिसमें BJP को अच्छी बढ़त मिली है. असम के CM ने कहा कि कांग्रेस धीमी हो गई है.
क्या कहना है हिमंत बिस्व सरमा का?
जातिगत जनगणना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि असम में 2011 की जनगणना के मुताबिक 36 फीसदी मुस्लिम हैं. अगर 2021 की जनगणना की बात करें तो इस आंकड़े में दो से तीन पर्सेंट की बढ़ोतरी होगी. मैंने असम में मुस्लिम समुदाय की जनगणना का ऐलान इसलिए किया है, क्योंकि असम के ही मुस्लिम लोगों ने खुद मुझे आवेदन देकर ऐसा करने की मांग की है.
हिमंत बोले - जातिगत जनगणना से कोई समस्या नहीं
कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन के अन्य दलों की ओर से सत्ता में आने पर देश भर में जातिगत जनगणना कराए जाने के दावे किए गए हैं. इस बारे में पूछे जाने पर भी असम के मुख्यमंत्री ने दिलचस्प जवाब दिया है. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि देशभर में जातिगत जनगणना से कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार में हमारी ही सरकार ने कास्ट सेंसस करवाया. अगर ऐसा करने से विभिन्न जातियों को सामाजिक योजनाओं का लाभ मिलता है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है. हालांकि केवल हिंदू समाज की जातियों की जनगणना नहीं होनी चाहिए, बल्कि मुस्लिम समाज की जातियों की भी जनगणना होनी चाहिए.
'90 फीसदी मुसलमान मुझे करते हैं वोट'
हिमंत बिस्व सरमा ने मुस्लिम वोटो को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र के 90 फीसदी मुस्लिम आबादी मुझे वोट करती है. जबकि असम में 25 से 30 प्रतिशत मुस्लिम बीजेपी उम्मीदवारों को वोट करते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी सभाओं में बड़ी संख्या में मुस्लिम युवा, महिला, बुजुर्ग आते हैं. इसकी वजह है कि हम सभी के लिए काम करते हैं.
हिमंत ने कहा कि मुस्लिम समाज में हकीकत ये है कि उनकी अपनी आवाज कुछ और है और उनके नेता बात कुछ और करते हैं. उन्होंने कहा, "हम कहते हैं कि एक पति की एक पत्नी होनी चाहिए तो इसका विरोध कट्टरपंथी करते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय को यह अच्छा लगता है." उन्होंने कहा, "मैं कट्टरपंथ का विरोध करता हूं। उन नेताओं का विरोध करता हूं जो मुस्लिम समाज का नेता बनकर दलाली करते हैं, लेकिन समाज के विकास के लिए कुछ नहीं करते."
बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं. फिलहाल वह असम में ही विभिन्न सीटों पर एनडीए उम्मीदवार के समर्थन में जनसभाएं कर रहे हैं. इसी बीच सोमवार (29 अप्रैल) को उन्होंने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की है.
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