Assam NRC: आधार कार्ड को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से जोड़ने के प्रयास के तहत असम सरकार ने बुधवार (11 दिसंबर, 2024) को फैसला किया कि अगर आवेदक या उसके परिवार ने एनआरसी में आवेदन नहीं किया है तो विशिष्ट पहचान पत्र प्राप्त करने के लिए किए गए आवेदन को खारिज कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सर्मा ने कहा कि संकटग्रस्त बांग्लादेश के नागरिकों की ओर से घुसपैठ के प्रयास के मद्देनजर कैबिनेट की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया. 


उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो महीने में असम पुलिस, त्रिपुरा पुलिस और बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) ने बड़ी संख्या में घुसपैठियों को पकड़ा है. यही कारण है कि बांग्लादेश से घुसपैठ हमारे लिए चिंता का विषय है. हमें अपनी प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत है और इसीलिए हमने आधार कार्ड प्रणाली को सख्त बनाने का फैसला किया है.’’ सीएम सरमा ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि अब से राज्य सरकार का सामान्य प्रशासन विभाग आधार आवेदकों के सत्यापन के लिए नोडल एजेंसी होगा और प्रत्येक जिले में एक अतिरिक्त जिला आयुक्त संबंधित व्यक्ति होगा.


'एनआरसी के लिए आवेदन तब मिलेगा आधार कार्ड'


उन्होंने कहा, ‘‘प्रारंभिक आवेदन के बाद भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) इसे सत्यापन के लिए राज्य सरकार को भेजेगा. स्थानीय सर्किल अधिकारी (सीओ) पहले यह जांच करेगा कि आवेदक या उसके माता-पिता या परिवार ने एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन किया है या नहीं.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर एनआरसी के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया है तो आधार के अनुरोध को तत्काल खारिज कर दिया जाएगा और तदनुसार केंद्र को रिपोर्ट सौंपी जाएगी.


किन लोगों पर लागू नहीं होगा ये नियम?


उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह पाया जाता है कि एनआरसी के लिए आवेदन किया गया था, तो सीओ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार क्षेत्र-स्तरीय सत्यापन के लिए जाएंगे. अधिकारी के पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद आधार को मंजूरी दी जाएगी.’’ सीएम सरमा ने साथ ही कहा कि यह नया निर्देश उन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जो अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं और जिन्होंने एनआरसी के लिए आवेदन नहीं किया है.


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