Ram Mandir Inauguration: अयोध्‍या नगरी में 22 जनवरी को हो रहे राम मंद‍िर के प्राण प्रत‍िष्‍ठा समारोह के न‍िमंत्रण को अस्‍वीकार करने के बाद कांग्रेस सत्तारूढ़ बीजेपी के न‍िशाने पर आ गई है. इस कड़ी में गुरुवार (11 जनवरी) को असम के मुख्यमंत्री हिमंत ब‍िस्‍व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि उन्हें बुलाना भी नहीं चाहिए था. 


न्‍यूज एजेंसी एएनआई के मुताब‍िक, सरमा ने कहा, ''मेरे विचार से तो कांग्रेस को कार्यक्रम के ल‍िए कतई आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था. बावजूद इसके उनको पापों को सुधारने के ल‍िए व‍िश्‍व ह‍िंदू पर‍िषद की ओर से सुनहरा अवसर द‍िया गया, लेक‍िन उन्‍होंने इसको गंवा द‍िया और अपने पापों को कम करने से चूक गए. उन पर मुझको दया आती है, साथ ही दु:ख भी होता है.'' 






'मांग सकती थी माफी'  


हिमंत ब‍िस्‍व सरमा ने 'एक्स' पर लिखा,''विश्‍व हिंदू परिषद ने अपने नेतृत्व में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने का निमंत्रण देकर कांग्रेस पार्टी को अपने पाप कम करने का सुनहरा अवसर दिया था.'' उन्‍होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस निमंत्रण को स्वीकार कर 'हिंदू समाज' से माफी मांग सकती थी. 


'सोमनाथ मंद‍िर का वाक्‍या कांग्रेस ने दोहराया' 


उन्होंने कहा, ''पंडित नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के साथ जैसा किया था, वर्तमान कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने भी राम मंदिर के साथ भी वैसा ही किया. देश की जनता और इतिहास उनको हिंदू विरोधी पार्टी के रूप में आंकता रहेगा.''


कांग्रेस ने जारी क‍िया था बयान 


सरमा ने पोस्ट के साथ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की ओर से जारी बयान को भी साझा किया है. इसमें पार्टी के नेताओं सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को मिले निमंत्रण को अस्वीकार करने की बात कही गयी थी. 


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