Jharkhand Politics: झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन ने बुधवार को विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नेता चुन लिया है. बैठक में हेमंत सोरेन को फिर से मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया. इसको लेकर अब सियासत गरमा गई है. वहीं, अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि वरिष्ठ आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री पद से हटाना बेहद दुखद है. मुझे यकीन है कि झारखंड के लोग इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करेंगे और इसे दृढ़ता से खारिज करेंगे.


दरअसल, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस पार्टी द्वारा एक वरिष्ठ आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री पद से हटाना बेहद दुखद है. उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि झारखंड के लोग इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करेंगे और इसे दृढ़ता से खारिज करेंगे. बता दें कि, विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने सत्ता परिवर्तन को लेकर थोड़ी नाराजगी जताई. हालांकि, बाद में हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया.


ED की गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने दिया था इस्तीफा


रांची के बरियातु स्थित साढ़े 8 एकड़ की जमीन घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने 31 जनवरी 2024 को हेमंत सोरेने को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी से पहले हेमंत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, पिछले हफ्तें ही हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है.






चंपाई सोरेन युग की समाप्ति- निशिकांत दुबे


बीजेपी नेता और गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने हेमंत सोरेन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि झारखंड में चंपाई सोरेन युग समाप्त, परिवारवादी पार्टी में परिवार के बाहर के लोगों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है. काश आंदोलनकारी मुख्यमंत्री बिरसा भगवान से प्रेरित होकर भ्रष्टाचारी हेमंत सोरेन जी के खिलाफ खड़े हो पाते?


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