Adani-Hindenburg Case: कांग्रेस ने उठाई अडानी मामले की JPC जांच की मांग, आज देशभर में SEBI चीफ के खिलाफ करेगी प्रदर्शन
Congress Protest Against SEBI: दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव और पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सेबी-हिंडनबर्ग मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग की है.
Hindenburg Research: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को लेकर कांग्रेस गुरुवार (22 अगस्त) को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने वाली है. कांग्रेस की मांग है कि सेबी प्रमुख को उनके पद से हटाया जाए और इस पूरे मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच करवाई जाए. कई विपक्षी दलों ने भी इसी तरह की मांग की है.
हिंडनबर्ग रिसर्च ने इस महीने की शुरुआत में अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति के पास अडानी ग्रुप के पैसे के हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट विदेशी फंड में हिस्सेदारी थी. अमेरिकी इंवेस्टमेंट रिसर्च फर्म ने कहा था कि अडानी ग्रुप पर उसके जरिए 18 महीने पहले जारी किए गए रिपोर्ट के बाद भी सेबी ने ग्रुप के मॉरीशस और विदेशों में मौजूद उसकी संस्थाओं के कथित घोटाले पर कोई एक्शन नहीं लिया.
हिंडनबर्ग के आरोपों को नकार चुकी हैं माधवी बुच
हालांकि, माधवी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग के आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि उनके वित्तीय लेनदेन एक खुली किताब की तरह हैं. अडानी ग्रुप ने भी चुनिंदा सार्वजनिक जानकारी के आधार पर हिंडनबर्ग के आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और बदनाम करने वाला बताया है. अडानी ग्रुप ने ये भी साफ कर दिया था कि उसका माधवी बुच या उनके पति धवल बुच के साथ कोई लेना-देना नहीं है.
कांग्रेस ने किया प्रदर्शन का ऐलान
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा, "कांग्रेस मोदानी महाघोटाले में जेपीसी की मांग को उठाने के लिए देशभर में 20 प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने वाली है. इस घोटाले का अर्थव्यवस्था और करोड़ों छोटे निवेशकों पर प्रभाव पड़ा है, जिनके लिए पूंजी बाजार नियामकों की अखंडता जरूरी है." दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने ऐलान किया है कि वह सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेगी.
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने माधबी बुच की ईमानदारी और निष्पक्षता पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि अडानी समूह के लेनदेन की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद, सेबी प्रमुख ने 18 महीने की देरी के बाद गलत जानकारी के साथ शीर्ष अदालत को गुमराह किया.
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