Hindenburg Report: हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट आने के बाद सियारी पारा एक बार फिर से बढ़ गया है. पक्ष-विपक्ष एक बार से आमने सामने आ गए हैं. कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और केंद्र सरकार पर लगातार हमलवार है. 


इसी बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए.  


मल्लिकार्जुन खरगे ने साधा केंद्र पर निशाना


हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, 'SEBI ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मोदी जी के परम मित्र अडानी को हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 के खुलासों में क्लीन चिट दी थी. आज उसी SEBI के मुखिया के तथाकथित वित्तीय रिश्ते उजागर हुए हैं. मध्यम वर्ग से संबंधित छोटे और मध्यम निवेशकों, जो अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में निवेश करते हैं, उनको संरक्षित करने की आवश्यकता है, क्योंकि वे SEBI में विश्वास करते हैं. जब तक इस महा-घोटाले में JPC जांच नहीं होगी, तब तक मोदी जी अपने A1 मित्र की मदद करते रहेंगे और देश की संवैधानिक संस्थाएं तार-तार होती रहेंगी.






बीजेपी ने उठाए सवाल


भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'पिछले कुछ सालों से जब भी संसद सत्र शुरू होता है, कोई विदेशी रिपोर्ट जारी हो जाती है। संसद सत्र से ठीक पहले BBC की डॉक्यूमेंट्री जारी की गई थी. संसद सत्र से ठीक पहले जनवरी में हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आई थी. ये सब घटनाक्रम संसद सत्र के दौरान होता है. विपक्ष के विदेश से ऐसे संबंध हैं कि वे भारत के हर संसद सत्र के दौरान अस्थिरता और अराजकता पैदा करते हैं. वे भ्रम फैलाकर भारत में आर्थिक अराजकता पैदा करना चाहते हैं. अब वे सेबी पर हमला कर रहे हैं। कांग्रेस पिछले 30-40 सालों से हमेशा विदेशी कंपनियों के साथ क्यों खड़ी रहती है? यूनियन कार्बाइड के साथ क्यों खड़ी रहती है?'


बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में दावा किया है कि सेबी की वर्तमान प्रमुख माधबी बुच और उनके पति के पास अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. हालांकि सेबी प्रमुख और अडानी ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है.