Hindenburg Research Report On SEBI: अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी समूह और सेबी चेयरपर्सन पर आरोप लगने के बाद राजनीति गरम होती जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी की चेयरपर्सन की उन ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है जिनका इस्तेमाल अडानी समूह की कथित वित्तीय अनियमतताओं में हुआ था.


हिंडनबर्ग रिसर्च की ताजा रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "क्या अडानी मामले की जांच इसलिए नहीं की जा रही थी क्योंकि जिसे जांच करनी थी वह कथित घोटाले में शामिल था? सुप्रीम कोर्ट के बार-बार आदेश के बावजूद सेबी ने सक्रियता से जांच नहीं की. यह पारदर्शिता को पूरी तरह खत्म करता है. यह सबसे बड़ी आपराधिक साजिश है."


पीएम मोदी की ईमानदारी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल


कांग्रेस नेता ने कहा, "इस रिपोर्ट ने सेबी प्रमुख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईमानदारी को उजागर कर दिया है. उच्चतम न्यायालय बार-बार निवेश की जानकारी मांगता था. सभी बार-बार इधर-उधर बगले झांकता था."






सेबी चेयरपर्सन ने आरोपों पर क्या कहा?


सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा है कि हिंडनबर्ग को हमारी तरफ से कई बार कारण बताओ नोटिस भेजे गए थे. मगर, उन्होंने इनका जवाब नहीं दिया. इसके बदले में उन्होंने सेबी जैसी प्रतिष्ठित संस्था की साख पर सवाल खड़े किए हैं. ये बेहद दुखद है कि इन नोटिस का जवाब देने की जगह हिंडनबर्ग ने सेबी की विश्वसनीयता पर हमला बोलना और चरित्रहनन करना चुना है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी चेयरपर्सन पर भी निजी हमला किया है. 


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