हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सियासी घमासान, कांग्रेस-TMC ने केंद्र को घेरा, रख दी ये बड़ी मांग
Hindenburg Report: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में SEBI अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं. इसके बाद TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि CBI और ED कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करे.

Opposition Attack PM Narendra Modi on Hindenburg Report: हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. इस रिपोर्ट में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं. विपक्ष ने तत्काल इस मामले की जांच की मांग की है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार रात को कांग्रेस की ओर से एक बयान जारी करते हुए कहा, “अडानी मेगास्कैम की जांच करने के लिए सेबी की अजीब अनिच्छा लंबे समय से देखी जा रही थी, खासकर सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति की ओर से.. उस समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि सेबी ने 2018 में विदेशी फंडों के अंतिम लाभकारी (यानी वास्तविक) स्वामित्व से संबंधित रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को कमजोर कर दिया था और 2019 में पूरी तरह से हटा दिया था.”
जयराम रमेश के अनुसार, हिंडनबर्ग रिसर्च के नवीनतम आरोप गौतम अडानी की ओर से सेबी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने के तुरंत बाद बुच के साथ लगातार दो 2022 बैठकों के बारे में नए सवाल खड़े करते हैं.
हिडेनबर्ग के ताज़ा खुलासे पर हमारा बयान। pic.twitter.com/AZqDuRZrTa
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 11, 2024
महुआ मोइत्रा ने भी की जांच की मांग
इस बीच तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि असली अडानी शैली में, सेबी अध्यक्ष भी उनके समूह में एक निवेशक हैं. क्रोनी कैपिटलिज्म अपने चरम पर है. मोइत्रा ने यह भी मांग की कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करे.
In true Adani style - even SEBI Chairman is investor in his group. Crony Capitalism at its finest. @CBiHeadquarters & @Dir_ED - will you be filing POCA and PMLA cases or not?
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) August 10, 2024
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट क्या कहती है?
अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति धवल बुच के पास अडानी समूह के कथित वित्तीय कदाचार से जुड़ी ऑफशोर एंटिटी में हिस्सेदारी है. व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि ये संस्थाएं गौतम के बड़े भाई विनोद अडानी की ओर से रुपयों की हेराफेरी करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नेटवर्क का हिस्सा थीं. रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2017 से मार्च 2022 तक बुच की अगोरा पार्टनर्स नामक एक ऑफशोर सिंगापुर की कंसल्टिंग फर्म में 100 फीसदी हिस्सेदारी थी. 16 मार्च, 2022 को सेबी चेयरपर्सन के रूप में उनकी नियुक्ति के दो सप्ताह बाद उन्होंने चुपचाप अपने पति को शेयर ट्रांसफर कर दिए. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अडानी समूह के खिलाफ जांच करने में सेबी की “निष्पक्षता” “संभावित हितों के टकराव” के कारण ‘संदिग्ध’ है.
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