Hindenburg Report Updates: अमेरिका की रिसर्च एंड इंवेस्टमेंट कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार (10 अगस्त) को मार्केट रेगुलेटर सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच बड़ा आरोप लगाया. हिंडनबर्ग ने कहा कि माधवी और उनके पति के पास उन ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है, जो अडानी ग्रुप की वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी हुई थीं. इसे से लेकर काफी ज्यादा सियासत हो रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि अभी तक इस मामले में लेटेस्ट अपडेट्स क्या हैं.
- लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सेबी की अध्यक्ष के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच की मांग की है. उनका कहना है कि सेबी अध्यक्ष के ऊपर लगे आरोपों की वजह से मार्केट रेगुलेटर की शुचिता प्रभावित हुई है. उन्होंने सरकार से तीन सवाल पूछते हुए जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच की मांग की.
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने सेबी ने अदानी को हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 के खुलासों में क्लीन चिट दी. अब सेबी प्रमुख के संबंध में एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने के आरोप सामने आए हैं.
- मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि मध्यम वर्ग के छोटे और मध्यम निवेशकों को संरक्षण देने की जरूरत है क्योंकि वे अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में लगाते हैं और उनका सेबी पर भरोसा है. इस बड़े घोटाले की जांच के लिए जेपीसी की जांच जरूरी है. जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक संवैधानिक संस्थाएं तार-तार होंगी.
- बीजेपी नेता राजीव चंद्रशेखर ने आरोपों के जवाब में कहा कि देश की वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने की साजिश की जा रही है. एक पोस्ट में उन्होंने कहा, "यह एक साजिश है और कुछ ताकतें भारत की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने और हमारे रेगुलेटर, शेयर बाजारों और वित्तीय प्रणाली को बदनाम करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं."
- चंद्रशेखर ने आगे कहा, "यह ऐसी चीज है, जिसकी हमें कभी इजाजत नहीं देनी चाहिए क्योंकि हमारा देश विस्तार और विकास के पथ पर है. एक स्वतंत्र नियामक के खिलाफ इन संकेतों और झूठ का इस्तेमाल करना अपराध है. रिपोर्ट में कुछ भी विश्वसनीय नहीं है. यह भारत की अर्थव्यवस्था पर एक साजिश और जानबूझकर किया गया हमला है."
- सेबी प्रमुख माधवी बुच और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है. बयान में कहा गया है कि फंड में निवेश उनकी कॉर्पोरेट नौकरियों की कमाई, वेतन, बोनस और ईएसओपी से किया गया था.
- अदानी ग्रुप ने भी हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताते हुए रविवार को कहा कि उसका बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष या उनके पति के साथ कोई संबंध नहीं है. ग्रुप ने कहा कि ऐसे आरोपों को सुप्रीम कोर्ट जनवरी, 2024 में पहले ही खारिज कर चुका है.
- सेबी की तरफ से भी हिंडनबर्ग के आरोपों पर जवाब दिया गया. एक प्रेस रिलीज में निवेशकों से कहा गया है कि वे शांति बनाए रखें और अपने निवेश पर फैसला करने से पहले काफी सोच-विचार करें. एक्सपर्ट्स ने भी निवेशकों को अलर्ट रहने की सलाह दी है, क्योंकि सोमवार को बाजार खुलने पर उतार-चढ़ाव दिख सकता है.