Hindenburg Research Report: अमेरिका की रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने अपने नई रिपोर्ट में सीधा मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर अडानी ग्रुप के साथ मिले होने का दावा किया. रिपोर्ट में दावा किया गया इसी वजह से अडानी ग्रुप पर कार्रवाई नहीं की गई. इस मामला पर तूल पकड़ने लगा है. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्री इस पर प्रतिक्रिया दी है.


महुआ मोइत्रा ने सेबी पर उठाए सवाल


टीएमसी सांसद ने कहा, "यह एक तरह से सेबी का टकराव और कब्जा दोनों है. सेबी चेयरपर्सन अडानी ग्रुप में अपारदर्शी निवेशक हैं. गौतम आडानी के समधी सिरिल श्रॉफ कॉर्पोरेट गवर्नेंस कमेटी में हैं. इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि सेबी के पास सभी शिकायतें अनसुनी कर दी जाती हैं."


महुआ मोइत्रा ने सिरिल श्रॉफ के नाम पर टिक लगाते हुए कहा कि जब तक ये सेबी के चेयरपर्सन हैं तब तक हम अडानी पर जांच को लेकर सेबी पर भरोसा नहीं कर सकते. यह जानकारी सार्वजनिक होने के बाद सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना होगा.



हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख पर लगाया आरोप


हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति के पास कथित अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी समूह पर उसकी रिपोर्ट को लगभग 18 महीने हो चुके हैं, जिसमें इस बात के पुख्ता सबूत पेश किए गए थे कि यह भारतीय ग्रुप कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला कर रहा था.






हिंडनबर्ग ने कहा कि हमारी संस्था ने कई सबूत पेश किए फिर भी कार्रवाई के बजाय 27 जून 2024 को सेबी ने हमें कारण बताओ नोटिस भेजा. हिंडनबर्ग ने दावा किया कि सेबी ने हमारे किसी भी सबूत में गलती होने का आरोप नहीं लगाया.


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