Hindenburg Research Report: भारतीय कारोबारी अडानी ग्रुप के खिलाफ सनसनीखेज रिपोर्ट लाकर सुर्खियां बटोरने वाली फर्म हिंडनबर्ग फिर से एक बार चर्चा में है. अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारत में नया खुलासा करने का ऐलान किया है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने सुबह-सुबह अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए बड़ा ऐलान किया. जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स की बाढ़ सी आ गई है.


हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारत से जुड़े एक और महत्वपूर्ण खुलासे को लेकर संकेत दिया है. जहां शनिवार (10 अगस्त) को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है." इसके बाद से ही सोशल मीडिया में यूजर्स के पोस्ट तेजी से वायरल हो रहे हैं.


हिंडनबर्ग रिपोर्ट से घबराने की जरूरत नहीं


इस बीच सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दिलीप मंडल नाम के यूजर ने हिंडनबर्ग रिसर्च की पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखा कि हिंडनबर्ग एक बार फिर भारतीय बाजार और अर्थव्यवस्था को कम आंक रहा है, लेकिन वह इस तथ्य को ध्यान में नहीं रख रहा है कि जनवरी 2023 में अपनी आखिरी रिपोर्ट के बाद से, हमारे बाजार न केवल ठीक हो गए हैं, बल्कि सेंसेक्स में 20,000 अंकों की तेजी आई है. इसलिए उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि घबराने की जरूरत नहीं है.






यूजर्स ने हिंडनबर्ग रिसर्च की लगाई क्लास


सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर मनीष शर्मा नाम के यूजर ने पूछा कि क्या हिंडनबर्ग रिसर्च आपकी कोई विश्वसनीयता है? बेचारे पश्चिमी ईर्ष्यालु लोग. जबकि, दूसरे यूजर  स्वप्निल कोम्मावार का कहना है कि भारतीय बाजार विश्व बाजारों से बेहतर प्रदर्शन करेंगे. वहीं, एक यूजर सुमित का कहना है कि आपका एकमात्र एजेंडा भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारना है. यहां तक ​​कि हमारी भारतीय अदालतें भी आपके दावों को खारिज करती हैं.


अडानी के खुलासे से ग्राहकों ने नहीं की बहुत ज़्यादा कमाई


इस दौरान एक अन्य सोशल मीडिया यूजर अतुल मोडानी जो पेशे से चार्टेड अकाउंटेंट हैं. उनका कहना है कि जब हिंडनबर्ग ने अडानी समूह का पर्दाफाश किया, तो बाजार में एक हफ्तें तक प्रतिक्रिया हुई और बाद में निवेशकों को आकर्षक रिटर्न देते हुए भारी उछाल आया था. हिंडनबर्ग ने यह भी कहा कि उसके ग्राहकों ने अडानी के खुलासे से बहुत ज़्यादा कमाई नहीं की और लाभ की मात्रा केवल ₹ 35 करोड़ रुपए थी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से भी कोई बड़ी बात सामने नहीं आई.


अतुल मोडानी ने कहा कि भारत में किसी भी गिरावट पर आक्रामक तरीके से खरीदारी की जाती है. क्योंकि खुदरा विक्रेताओं के म्यूचुअल फंड एसआईपी से महीने में भारी मात्रा में निवेश होता है. पीछे देखने पर यह गिरावट भी खरीदी जाएगी. क्योंकि किसी भी बड़ी गिरावट के मामले में बाजार थोड़े समय में ओवरसोल्ड हो जाएगा, लेकिन बाद में अपनी स्पीड के साथ ऊपर की ओर बढ़ना जारी रखेगा.


अब गर्त में गई हिंडनबर्ग रिसर्च की विश्वसनीयता


इस बीच एक अन्य यूजर ने लिखा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च आपकी विश्वसनीयता अब गर्त में चली गई है. क्योंकि, अब कोई भी आप पर भरोसा नहीं करता है. वहीं, एक और अन्य यूजर हितेन्द्र पिथाडिया ने पोस्ट पर लिखा कि भारत सरकार और वित्त मंत्री हिंडनबर्ग रिपोर्ट की आलोचना करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए तैयार हैं.


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