Hindi Diwas 2019: 'निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटन न हिय के सूल', यह प्रसिद्ध दोहा भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने लिखा है. इस दोहे का अर्थ है मातृभाषा की उन्नति बिना किसी भी समाज की तरक्की संभव नहीं है. बिना अपनी भाषा के ज्ञान के मन की पीड़ा को भी दूर करना मुश्किल है. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र आज इसलिए भी याद आ रहे हैं क्योंकि आज हिन्दी दिवस है और हर साल की तरह इस साल भी 14 सितंबर को देशभर में राष्ट्रीय हिन्दी दिवस मनाया जा रहा है.
इस दिन पूरे भारत में हिन्दी भाषा की महत्तवता को दर्शाया जाता है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि इसी दिन यानी 14 सितंबर को ही हिन्दी दिवस क्यों मनाते हैं ? नहीं... तो आज हम आपको बताने जा रहा हैं इसके पीछे का कारण.
दरअसल 14 सितंबर को ही हिन्दी दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन देश में हिन्दी भाषा को राजभाषा के तौर पर अपनाया गया था. हम सब जानते हैं कि भारत विविधताओं का देश हैं. यहां जितनी तरह के रीति-रिवाज हैं उतनी ही तरह की भाषाएं और बोलियां भी हैं. भारत सैकड़ों भाषाओं और बोलियों वाला देश हैं लेकिन जिस तरह हिन्दी ने सभी को एकसूत्र में बांधने का काम किया है वैसा किसी और भाषा ने नहीं किया.
क्यों 14 सितंबर को मनाया जाता है हिन्दी दिवस ?
आजादी के बाद देश में सबसे ज्यादा भाषा को लेकर विवाद रहा था. एक तरफ देश का उत्तरी क्षेत्र था जहां हिन्दी भाषी लोग ज्यादा थे तो वहीं देश के दक्षिणी क्षेत्र में अंग्रेजी बोलने-पढ़ने वालों की संख्या अधिक थी. अब ऐसे में देश की एक भाषा को चुनना बड़ी चुनौती थी. हालांकि हिन्दी एक ऐसी भाषा थी जो सभी को संपर्क सूत्र में बांधने की काम करती थी. हिन्दी का आजादी के संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.
इसी बात के मद्देनज़र 6 दिसंबर 1946 में आजाद भारत का संविधान तैयार करने के लिए संविधान का गठन हुआ. 26 नवंबर 1949 को संविधान के अंतिम प्रारूप को संविधान सभा ने मंजूरी दे दी थी और इस प्रकार आजाद भारत का अपना संविधान 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू हुआ.
14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी. भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343 (1) में हिन्दी को राजभाषा बनाए जाने के संदर्भ में कुछ इस तरह लिखा गया है, 'संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी. संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा.' उसी दिन से हर साल 14 सितंबर को देश हिन्दी दिवस मनाता है. इसके अलावा 14 सितम्बर, व्यौहार राजेन्द्र सिंह का जन्मदिवस भी है, जिन्होने हिन्दी को भारत की राजभाषा बनाने की दिशा में अथक प्रयास किया था.
हिन्दी को राजभाषा बनाए जाने के फैसले के बाद देश में कई लोग नाराज भी हो गए. खासकर दक्षिण भारत में इसको लेकर बड़ा आंदोलन हुआ जिसके परिणाम स्वरूप हिन्दी के साथ अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा दिया गया.
10 जनवरी को मनाया जाता है विश्व हिन्दी दिवस
10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस है. यह दिन दुनिया भर में हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिए मनाया जाता है. विश्व हिन्दी दिवस को मनाने की औपचारिक घोषणा 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी लेकिन इससे कई सालों पहले 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन हुआ था जिसमें 30 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था. 2006 के बाद से ही इस दिन हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए कई कार्यक्रम का आयोजन होता है. हिन्दी को इस तरह एक अंतरराष्ट्रीय भाषा का सम्मान मिलता है.