अंधकार है वहां जहां आदित्य नहीं है
मुर्दा है वह देश जहां साहित्य नहीं है
मैथिलीशरण गुप्त की ये पंक्ति इसलिए भी सही क्योंकि जहां पीड़ा है, दर्द है, कविता-कहानी वहीं से शुरू हो जाती है.. साहित्य मनुष्य को संवेदनशील बनाता है, हमारी मन की संकीर्णता दूर करता है... जिन्दगी के द्वंद्वों की सृजनात्मक अभिव्यक्ति ही साहित्य है...
हिन्दी साहित्य के लिए साल 2021 बेहतरीन रहा. गीतांजलि श्री की किताब रेत समाधि को बुकर प्राइज मिला. यह ऐसा मौका था जिसकी वजह से एक बार फिर हिंदी साहित्य को लेकर वैश्विक मंचों पर चर्चा होने लगी. आज हिन्दी दिवस है और इस खास मौके पर हम आपको हिन्दी की पांच ऐसी किताबों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको जरूर पढ़नी चाहिए. आइए जानते हैं ये पांच किताबें कौन सी हैं...
1-मैला आंचल
हिन्दी साहित्य में दिलचस्पी रखने वाला शायद ही कोई व्यक्ति हो जो फणीश्वर नाथ रेणु के नाम से परिचित न हो. फणीश्वर नाथ रेणु की सबसे लोकप्रिय किताबों में उनका उपन्यास मैला आंचल है. इसमें एक ऐसे डॉक्टर की कहानी है, जो पढ़ाई पूरी कर गांव में प्रैक्टिस करने लगता है. मैला आंचल उपन्यास पर एक दूरदर्शन पर एक टीवी सीरियल भी प्रसारित हो चुका है. इसकी भाषा ग्रामीण परिवेष में आपको ले जाएगी.
2- कमलेश्वर की 'कितने पाकिस्तान'
हिन्दुस्तान इतिहास में कई त्रासदियों से गुजरा है और उन्हीं में से एक विभाजन भी है. वहीं विभाजन जिसने सबकुछ तक़सीम कर दिया. तकसीम मुल्क़ को, क़ौम को, रिश्तों को, मुहाफ़िज़ों को, नदिओं-तलाबों को और सबसे ज़रूरी इंसानों को भी.
ऐसे में अगर आपको विभाजन की त्रासदी पर कोई किताब पढ़नी हो तो कमलेश्वर की 'कितने पाकिस्तान' जरूर पढ़ें. इस उपन्यास को साल 2003 में साहित्य एकेडमी अवॉर्ड भी मिला था.
3-राग दरबारी
आपको यदि हास्य-व्यंग्य पर आधारित किताबें पढ़ने का शौक है, तो आपको राग दरबारी किताब आज ही खरीद लेनी चाहिए. इस किताब में व्यवस्था, सरकार और व्यक्ति विशेष के स्वभाव आदि पर हास्य व्यंग्य किया गया है. इस उपन्यास के लेखक श्री लाल शुक्ल हैं. उन्हें साहित्य अकादमी से सम्मानित किया गया है.
4-तमस-भीष्म साहनी
आपको अगर सांप्रदायिक दंगों की पृष्ठभूमि पर लिखी गई किताब पसंद है, तो आपको यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए. इस किताब में देश के विभाजन से पहले के माहौल का वर्णन कहानी के रूप में किया गया है.
5- गीतांजलि श्री की 'रेत समाधि'
साल 2021 में कोई किताब सर्वाधिक चर्चा में रही तो वो राजकमल प्रकाशन द्वारा छापी गई गीतांजलि श्री की 'रेत समाधि' है. किताब में शिल्प के साथ अनूठा प्रयोग देखने को मिला है. इसके अंग्रेजी अनुवाद ‘टूम्ब ऑफ सैंड’ को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला है.
ये भी पढ़ें-
Electric Cars: क्यों नहीं आती 5 से 10 लाख रुपये की रेंज में इलेक्ट्रिक कारें, जानें क्या है वजह
Nirmala Sitharaman: जानिए क्यों वित्त मंत्री सीतारमण ने की उद्योग जगत की हनुमान के साथ तुलना?