Hindi National Language: हिन्दी भाषा को मिले दर्जे को लेकर लोगों के बीच कई तरह की उलझन रहती है. लोगों के मन में सवाल रहता है कि आखिर हिन्दी कौन सी भाषा है? यह राष्ट्रभाषा है, राजभाषा है या मातृभाषा है? साथ ही सवाल ये भी है कि आखिर राष्ट्रभाषा, राजभाषा और मातृभाषा में क्या अंतर है.
क्या हिन्दी राष्ट्रभाषा है ?
देश में अधिकतर लोगों को लगता है कि हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है लेकिन यह सही नहीं है. हिन्दी को संविधान में राजभाषा का दर्जा प्राप्त है. हमारे देश की कोई ऑफिशियल नेशनल लैंगुएज नहीं है.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दी थी हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा
आपको हम पहले ही बता चुके हैं कि भारतीय संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिला हुआ है. हालांकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा 1917 में गुजराज के भरुच में सर्वप्रथम राष्ट्रभाषा के रुप में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई थी, लेकिन लेकिन 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने इसे राजभाषा का दर्जा देने को लेकर सहमति जताई. 1950 में संविधान के अनुच्छेद 343(1) के द्वारा हिंदी को देवनागरी लिपि के रूप में राजभाषा का दर्जा दिया गया.
राष्ट्रभाषा, राजभाषा और मातृभाषा में क्या अतंर है
आपको बता दें कि मातृभाषा वह भाषा है जो हम जन्म के साथ सीखते हैं. जहां हम पैदा होते है, वहां बोली जाने वाली भाषा खुद ही सीख जाते हैं. यही मातृभाषा कही जाती है. उदाहरण के रूप में अगर कोई लखनऊ में रहता है और अवधी बोलता है तो अवधी उसकी मातृभाषा है. ठीक इसी तरह अगर कोई बिहार के मधुबनी में रहता है और मैथली बोलता या बोलती है तो मैथली उसकी मातृभाषा होगी.
वहीं किसी प्रदेश की राज्य सरकार के द्वारा उस राज्य के अन्तर्गत प्रशासनिक कार्यों को करने के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, उसे राज्यभाषा कहते हैं. हिन्दी हमारी राजभाषा है.
राष्ट्रभाषा जैसा की नाम से ही साबित होता है, पूरे राष्ट्र की भाषा है. राष्ट्रभाषा वह भाषा है जो देश के अधिकतम लोगों द्वारा बोली और समझी जाती है . यह भाषा पूरे देश में मान्य रहती है.