Hindi Language: देश में हिंदी भाषा को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है. दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह ने 16 अक्टूबर 2022 को भोपाल में हिंदी किताबों को विमोचन किया. मध्य प्रदेश के साथ साथ पूरे देश में ही इस शुरूआत की चर्चा होने लगी है. इसके साथ अंग्रजी मीडियम की पढ़ाई हिंदी मीडियम से होने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. लेकिन इस बीच तमिलनाडु जैसे राज्य ने हिंदी भाषा को राज्यों पर थोपने तक का आरोप लगा दिया. 


आइए जानते हैं कि हिंदी भाषा को लेकर सबसे पहले कब विवाद खड़ा हुआ था.


1938 में शुरू हुआ था हिंदी का विरोध
साल 1938 में सबसे पहले मद्रास में सरकारी विद्यालयों में हिंदी को पढ़ना अनिवार्य करने को लेकर विवाद शुरू हुआ था. लेकिन मद्रास में हिंदी का विरोध इतना व्यापक हो गया कि 1939 में राजगोपालाचारी को अपनी सरकार से इस्तीफा देना पड़ गया था. अंत में तमिल राज्य में हिंदी थोपने के फैसले को अंग्रेजी सरकार को वापस लेना पड़ा. हालांकि आजादी के बाद भी कई राज्यों में हिंदी थोपने का केंद्र पर आरोप लगा, लेकिन भारत सरकार को हिंदी के विरोध में हिंसक विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए फैसले को वापस लेना पड़ा.  


एमके स्टालिन ने पीएम को लिखा पत्र 
अब गृह मंत्री के द्वारा यह कहना कि देश के विद्यार्थी जब अपनी भाषा में पढ़ाई करेंगे, तभी वह सच्ची सेवा कर पाएंगे और 10 राज्यों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई उनकी मातृभाषा में शुरू करने के ऐलान करने के बाद सभी राज्यों की मिलीजुली राय आमने आ रही है. ऐसे में ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसपर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. उन्होंने संसदीय राजभाषा समिति की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी गई रिपोर्ट को लेकर हिंदी भाषा पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, ऐसे प्रयास केंद्र और राज्य के संबंधों की भावना को खतरे में डालते हैं. उन्होंने कहा कि 8वीं अनुसूची में सभी भाषाओं को राजभाषा बनाएं.


सीएम स्टालिन ने कहा, ''मैं माननीय प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि हर संभव तरीके से हिंदी थोपने के केंद्र सरकार के आक्रामक प्रयासों के बाद गैर-हिंदी भाषी राज्यों में उचित आशंका और असंतोष का जायजा लें. ये हमारे संविधान के संघीय सिद्धांतों के खिलाफ हैं.''


बता दें कि भोपाल में हिंदी मीडियम में मेडिकल और टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की शुरूआत करते हुए अमित शाह ने मध्य प्रदेश की सरकार को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि मेरे जिगर के टुकड़े जैसे मेडिकल छात्रों को भी बधाई देता हूं. आज का दिन शिक्षा के क्षेत्र में नए निर्माण का दिन है.


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