चंडीगढ़ः एक तरफ देश भर में हिंदू-मुस्लिम के बीच राजनीतिक दल दीवारें बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर दोनों धर्मों के लोग आपसी भाईचारा बनाए रखने की पुरजोर कोशिश में लगे हुए हैं. कुछ इसी तरह का वाक्या पंजाब में देखने को मिला. एक हिंदू और एक मुस्लिम परिवार ने धर्म की दीवार तोड़कर एक-दूसरे के परिवार के सदस्यों को अपनी किडनी दान करके जान बचाई.


दरअसल, मंजुल देवी और अब्दुल अजीज को एक दूसरे के परिवार ने किडनी दान की. किडनी का सफल प्रत्यारोपण मोहाली के एक प्राइवेट अस्पताल में संपन्न हुआ. किडनी प्रत्यारोपण डॉक्टर प्रियदर्शी रंजन की देखरेख में हुआ. मंजुल देवी बिहार की रहने वाली हैं जबकि अब्दुल अजीज जम्मू कश्मीर के रहने वाले हैं.


'आईकिडनी' एप के जरिए हुआ संभव


बता दें कि मंजुल और अजीज की किडनी खराब हो गई थी. परिवार के सदस्य किडनी दान तो करना चाह रहे थे लेकिन ब्लड ग्रुप न मिलने के कारण संभव नहीं हो पा रहा था.


दोनों के परिजनों ने 'आईकिडनी' एप पर कठिनाई के बारे में बताया. आईकिडनी' पर दर्ज रिकॉर्ड के आधार पर दोनों परिवार के सदस्य एक दूसरे से मिले और किडनी दान किया.


किडनी का हुआ सफल प्रत्यारोपण


डॉक्टरी जांच के बाद मंजुल देवी के पति सुजीत कुमार और अब्दुल अजीज की पत्नी साजिया ने किडनी दान किया. साजिया की किडनी मंजुल देवी की शरीर के अंदर जबकि सुजीत की किडनी अजीज के अंदर ट्रांसप्लांट किया गया.


किडनी की सफल प्रत्यारोपण के बाद डॉक्टर रंजन ने बताया, ''दोनों परिवार काफी खुश हैं. दोनों मरीज की हालत पहले से ठीक है और शरीर बेहतर काम कर रहा है. यह संयोग 'आईकिडनी' एप के कारण हो सका.'' किडनी मिलने के बाद दोनों परिवारों ने एक दूसरे के प्रति आभार जताया.


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