भोपाल: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हिंदू महासभा कार्यालय में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति स्थापित किए जाने से राज्य की सियासत में तनातनी का माहौल है. विपक्षी कांग्रेस ने इसके विरोध में शुक्रवार को राज्य भर में आंदोलन का ऐलान किया है. कांग्रेस के नेता महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने मौन धरना देंगे. राजधानी भोपाल में गुरुवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हबीबगंज पहुंचकर प्रदर्शन किया. साथ ही हिंदू महासभा के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की.


यहां पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि हिंदू महासभा को सरकार का संरक्षण हासिल है. कांग्रेस की मांग है कि हिंदू महासभा पर प्रतिबंध लगाया जाए और राष्ट्रपिता के हत्यारे की मूर्ति स्थापित करने वालों पर 'राष्ट्रद्रोह' का मामला दर्ज किया जाए.


ग्वालियर में बुधवार को हिंदू महासभा के कार्यालय में गोडसे की मूर्ति स्थापित किए जाने के साथ मंदिर बनाने का संकल्प भी लिया गया था. महासभा के नेता डॉ जयवीर सिंह भारद्वाज ने गोडसे को 'देशभक्त' बताया. उन्होंने कहा था कि इस मूर्ति की नियमित पूजा होगी और हर मंगलवार को विशेष आरती की जाएगी.


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा, "प्रदेश में गोडसे की मूर्ति स्थापित होना और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का चुप्पी साधना कई सवाल खड़े करती है. जिला स्तर पर होने वाले इस आयोजन के बाद राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा."


विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि प्रदेश में साजिशन गांधी जी की मूर्ति को जलाया जा रहा है और गोडसे की मूर्ति स्थापित हो रही है. बीजेपी सरकार महात्मा गांधी को अपमानित करने का 'सुनियोजित प्रयास' कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर मुरैना जिले के जौरा में महात्मा गांधी की मूर्ति को जलाया गया और पूरी सरकार मौन रही. वहीं दूसरी ओर, इसी सरकार की विधारधारा वाली हिंदू महासभा ने ग्वालियर में बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति स्थापित की. इस पर सरकार की चुप्पी बताती है कि यह जानबूझकर सोची-समझी षड्यंत्र का हिस्सा है.


वहीं भाजपा और सरकार से जुड़े लोग इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. बस यही कह रहे हैं कि वह संगठन अलग है और उसकी अपनी विचारधारा है. जहां तक विचारधारा का सवाल है, याद रहे कि जब खादी के कैलेंडर से गांधी की तस्वीर हटाई गई थी, तो बीजेपी नेता और हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा था कि 'धीरे-धीरे नोटों से भी गांधी की तस्वीर हटाई जाएगी.' साल 2014 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने संसद की सीढ़ी पर मीडिया से कहा था, "गोडसे हमारे लिए पूजनीय हैं."