जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के तिरंगे के अपामान किए जाने को लेकर जम्मू में शनिवार को हिन्दू-मुस्लिमों ने मिलकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने महबूबा को चीन या पाकिस्तान भेजने की मांग भी की. जम्मू में सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा तिरंगे के अपामान पर हिन्दू और मुस्लिमों ने मिलकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने महबूबा मुफ्ती की तस्वीरें जलाई और उनके खिलाफ नारेबाजी की. जम्मू में हिन्दू और मुस्लिमों का यह गुस्सा महबूबा के उस बयान को लेकर है जिसमें उन्होंने कहा था कि वो तब भारत का तिरंगा उठाएगी जब पहले उन्हें प्रदेश का झंडा उठाने दिया जाएगा. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जम्मू में हिन्दू और मुस्लिम मिलकर उनके इस बयान का खंडन करते हैं और उन्होंने मांग की कि महबूबा को चीन या पाकिस्तान भेज दिया जाए.


क्या था पूरा मामला?


इससे पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल-370 को चीन के साथ जोड़ दिया था. महबूबा ने कहा कि आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद ही कश्मीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना. उन्होंने ये भी दावा किया किया कि चीन ने एलएसी पर जमीन हड़पी. भारतीय सेना का अपमान करते हुए महबूबा ने कहा, "हकीकत है कि चीन ने हमारी जमीन के 1000 वर्ग किमी पर कब्जा कर लिया है. मुझे लगता है कि हम किसी तरह लगभग 40 किमी वापस जाने में कामयाब रहे."



महबूबा मुफ्ती ने ये भी कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने अथवा तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है.


बता दें कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को पिछले साल अगस्त में खत्म किए जाने के बाद से महबूबा हिरासत में थीं. रिहा होने के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह तभी तिरंगा उठाएंगी, जब पूर्व राज्य का झंडा और संविधान बहाल किया जाएगा.


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