नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी पास हो गया. जहां इस बिल को लेकर विपक्ष का कहना ही यह मूलभूत सिद्धांत के खिलाफ है तो वहीं सरकार की तरफ से कहा गया है कि बिल कहीं से भी संविधान के किसी आर्टिकल का उल्लंघन नहीं करता. सत्ता पक्ष और विपक्ष बेशक इस बिल को लेकर आमने-सामने हो लेकिन पाकिस्तान से आकर भारत में शर्णार्थी के तौर पर रह रहे एक हिन्दू फैमली के लिए बिल पास होने की खुशी देखते ही बन रही है.


'आरती' इस विधेयक के समर्थन में है. उसका भविष्य इसी विधेयक पर टिका है. उसके दो छोटे छोटे बच्चे हैं. एक बच्चा दो साल का है, तो दूसरी बेटी है, जिसने छह दिन पहले ही जन्म लिया है. 2011 में पाकिस्तान से यह हिंदू महिला भारत आई थी. अभी तक इसे भारत की नागरिकता नहीं मिली है.


'आरती' का परिवार उत्तरी दिल्ली के मजनू का टीला में एक पुनर्वास कॉलोनी में रहता है. बिल पास होने से पहले ही आरती ने अपने बच्ची का नाम 'नागरिकता' रख दिया. 'नागरिकता' की दादी ने कहा,'' परिवार ने बच्ची का नाम नागरिकता इस उम्मीद में रखा कि बिल राज्यसभा में पास हो जाएगा. इसकी मां ने बिल राज्यसभा में पास हो इसके लिए व्रत भी रखा.'' उन्होंने आगे कहा,'' जबसे बच्ची पैदा हुई थी तबसे ही नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा हो रही है और इसलिए परिवार ने लड़की का नाम 'नागरिकता' रखने का फैसला किया.''


बता दें कि टेंट और बिना छत की दीवारें वाले घरों में मजनू का टीला क्षेत्र में लगभग 750 पाकिस्तानी हिंदू रहते हैं. ये वे लोग हैं जो पनाह लेने के लिए पड़ोसी देश से आए हैं. कई अन्य लोग रोहिणी सेक्टर 9 और 11, आदर्श नगर और सिग्नेचर ब्रिज के पास स्थित कॉलोनियों में रहते हैं.


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