नई दिल्लीः भाजपा पर तीखे हमले करते हुए असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने सोमवार को कहा कि हिंदू धर्म भाजपा का "एकाधिकार" नहीं है और धर्म नागरिकता देने का आधार नहीं हो सकता. असम विधानसभा में राज्यपाल की डिबेट पर एक बहस में भाग लेते हुए, उन्होंने वित्त मंत्री हिमन्त विश्व शर्मा पर असमिया समाज को "विभाजित" करने का आरोप लगाया.
उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर हमला करते हुए कहा, "हिंदू धर्म भाजपा का एकाधिकार नहीं है. मैं हिंदू भी हूं. मैं एक मंदिर, मस्जिद और चर्च जाता हूं." पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि हिमन्त विश्व शर्मा जिस राजनीति को करने की कोशिश कर रहे हैं, मैं वह नहीं करूंगा. वह असमिया समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने उस आधार पर भी सवाल उठाया, जिसके आधार पर वित्त मंत्री ने कहा था कि राज्य में संशोधित नागरिकता अधिनियम से पांच लाख से अधिक का कोई भी व्यक्ति लाभान्वित नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा, "NRC में, 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया था और हमें लगता है कि 11-12 लाख बंगाली हिंदू हैं. फिर पांच लाख का आंकड़ा क्या है और यह आंकड़ा कहां से आया है?" उन्होंने मांग की कि विवादास्पद कृत्य को निरस्त किया जाए क्योंकि पूरा राज्य "जल रहा था".
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, "आज पूरा असम जल रहा है. AASU भाजपा के साथ था, लेकिन आज वे आपको हत्यारे बुला रहे हैं. यह आग कैसे बुझेगी? इस अधिनियम को निरस्त करने का एकमात्र विकल्प है,"
गोगोई ने कहा कि पूरे भारत में सीएए का विरोध ज्यादातर हिंदुओं द्वारा किया जाता है. वरिष्ठ राजनीतिज्ञ ने राज्य की "समस्याओं" पर बात नहीं करने और अर्थव्यवस्था में गिरावट के लिए राज्यपाल की आलोचना की.