Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद क्या बोले हिंदू पक्ष के वकील?
Gyanvapi Masjid Dispute: ज्ञानवापी मस्जिद केस को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद हिंदू पक्ष के वकील ने खुशी जताई.
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Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. आज की सुनवाई में तीन जज शामिल हैं. जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा के साथ जस्टिस सूर्य कांत को भी शामिल किया गया. आज सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई करते हुए इसे वाराणसी जिला कोर्ट को भेज दिया है. अब मुकदमे से जुड़े सभी मामले जिला जज ही देखेंगे. 8 हफ्तों तक सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश लागू रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को 8 हफ्ते का अंतरिम आदेश जारी किया था.
वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हिंदू पक्ष के वकील अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद केस पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मामले की सुनवाई जिला जज वाराणसी करेंगे. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा के लिए 17 मई का उसका अंतरिम आदेश जारी रहेगा. वुजू की व्यवस्था की जाएगी. हम आदेश से बहुत खुश हैं.
क्या बोले हिंदू पक्ष के वकील?
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हमारे द्वारा दायर मुकदमा विचारणीय नहीं है. उन्होंने इसे खारिज करने के लिए आदेश 7, नियम 11 सीपीसी के तहत एक आवेदन पेश किया. उनके अनुसार, ये सूट पूजा स्थल अधिनियम से प्रतिबंधित है. एसएलपी जुलाई के दूसरे सप्ताह में सूचीबद्ध होगी.
मुस्लिम पक्ष की ओर से डाली गई याचिका
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में याचिका मुस्लिम पक्ष की ओर से डाली गई है. उनका कहना है कि मस्जिद में सर्वे कराने का कोई औचित्य नहीं है. वहीं हिंदू पक्ष ने भी इसपर आज अपना जवाब दाखिल कर दिया है. हिंदू पक्ष की ओर से वकील विष्णु जैन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद एक मस्जिद नहीं है, क्योंकि औरंगजेब ने इस भूमि पर किसी मुस्लिम या मुसलमानों के निकाय को जमीन सौंपने के लिए वक्फ बनाने का कोई आदेश पारित नहीं किया था.
वहीं जवाब में कहा गया है कि इतिहासकारों ने पुष्टि की है कि इस्लामिक शासक औरंगजेब ने 9 अप्रैल 1669 को एक आदेश जारी किया था जिसमें उनके प्रशासन को वाराणसी में भगवान आदि विशेश्वर के मंदिर को ध्वस्त करने का निर्देश दिया गया था. गौरतलब है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जहां ‘शिवलिंग’ मिलने की बात कही गई है, उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करें. साथ ही मुस्लिमों को नमाज पढ़ने की इजाजत दी थी.
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