Tirupati Laddu Prasadam Controversy: तिरुपति मंदिर के प्रसाद वाले लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कई राजनीतिक दल इस मुद्दे पर आक्रोश जता चुके हैं. इसी बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शुक्रवार (20 सितंबर) को एक बड़ी मांग कर दी है. 


विहिप ने कहा है कि तिरुपति मंदिर के लड्डू में पशुओं की चर्बी का कथित इस्तेमाल असहनीय है. विहिप ने मांग की है कि आंध्र प्रदेश सरकार मंदिर का नियंत्रण व प्रबंधन हिंदू समाज को सौंप दे. 


विश्व हिंदू परिषद ने उठाई ये मांग


विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा ने देश भर में सभी मंदिरों और हिंदुओं के अन्य देवालयों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की भी मांग की. उन्होंने तिरुपति मंदिर के प्रसाद को अपवित्र करने में कथित तौर पर शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने एक वीडियो बयान में कहा, "तिरुपति की घटना विश्व हिंदू परिषद की इस विश्वास को और मजबूत बनाती है कि मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण की वजह से राजनीति का प्रवेश होता है. वहां (सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों में) गैर-हिंदू अधिकारियों की नियुक्ति होने से प्रसाद में जानबूझकर ऐसी अपिवत्रता की जाती है."


बजरंग बागड़ा ने कहा कि विहिप लंबे समय से मांग करती रही है कि हिंदुओं के मंदिर व अन्य धार्मिक स्थल सरकारी नियंत्रण में न रहें. उन्होंने तिरुपति लड्डू प्रसादम में पशुओं की चर्बी के कथित इस्तेमाल को असहनीय और घृणित कृत्य करार दिया तथा कहा कि इससे पूरा हिंदू समाज व्यथित और आहत है. बजरंग बागड़ा ने कहा कि हिंदू समाज अपनी आस्था पर इस तरह के बार-बार हमले को सहन नहीं करेगा. 


इस मामले पर गंभीरता से विचार किया जाएगा


 बजरंग बागड़ा ने कहा, "हमें विश्वास है कि आंध्र प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए इस पर गंभीरता से विचार करेगी." उन्होंने तिरुपति लड्डू अपवित्रीकरण मामले की निष्पक्ष जांच और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. 


विनोद बंसल ने भी दिया बड़ा बयान


विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी मांग की कि तिरुपति मंदिर और देश भर के सभी अन्य मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए. उन्होंने कहा, "सिर्फ तिरुपति मंदिर ही सरकार के नियंत्रण में नहीं है. देश भर के राज्यों में चार लाख से अधिक मंदिर सरकारों के नियंत्रण में हैं." इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए कहे जाने पर उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, "इस मुद्दे पर हमारा रुख स्पष्ट है कि सरकारों को मंदिरों और उनकी संपदा को हिंदू समाज को सौंप देना चाहिए. मंदिरों के असली न्यासी हिंदू हैं, सरकारें नहीं." बंसल ने कहा कि विहिप हिंदुओं के मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों पर सरकारी नियंत्रण के खिलाफ जल्द ही एक बड़ा अभियान शुरू करेगी.


(भाषा इनपुट के साथ)