नई दिल्ली: पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में एक मंदिर में तोड़फोड़ किये जाने की घटना को लेकर भारत ने पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया है.
सूत्रों ने बताया कि राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया गया है. बुधवार को लोगों की भीड़ ने मंदिर में तोड़फोड़ की थी. वे इसके विस्तार कार्य का विरोध कर रहे थे.
इस हमले के सिलसिले में 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से ज्यादातर लोग एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के सदस्य हैं. करक जिले के टेरी गांव में मंदिर पर हुए हमले की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और हिंदू समुदाय के नेताओं ने कड़ी निंदा की है.
प्रांतीय सरकार ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों को क्षतिग्रस्त मंदिर का पुनर्निर्माण करने का आदेश दिया. साथ ही, दोषियों को न्याय के दायरे में लाने का भी संकल्प लिया.
स्थानीय पुलिस के अनुसार इस घटना के सिलसिले में कट्टरपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी के नेता रहमत सलाम खट्टक समेत 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
प्रांतीय पुलिस प्रमुख केपीके सनाउल्लाह अब्बासी ने कहा कि प्राथमिकी में 350 से अधिक लोगों का नामजद किया गया है. अब्बासी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी में आतंकवाद से संबंधित कानून की सभी धाराओं को शामिल किया गया है.
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को हमले का संज्ञान लिया था और स्थानीय अधिकारियों को अदालत में पांच जनवरी को पेश होने का आदेश दिया है.
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