क्या अजान के वक्त भजन-कीर्तन और हनुमान चालीसा पर लगा बैन! जानें वायरल दावे का सच
FACT Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि अजान के समय आस-पास में भजन, कीर्तन आदि को रोका दिया गया है. इस पर नासिक पुलिस ने सच्चाई बताई है.
Nashik Police Video FACT Check: इन दिनों सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल होते रहते हैं, जिसपर अक्सर लोग भरोसा कर लेते हैं. ऐसा ही एक वीडियो महाराष्ट्र के नासिक से सामने आया है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि नासिक में 5 बार अजान के समय आस-पास में भजन, कीर्तन आदि को रोका दिया गया है. सोशल मीडिया प्लेफॉर्म एक्स पर @sanjeev_jd नाम के यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट किया.
इसमें एक पुलिस अधिकारी बोल रहे हैं, जो सुबह के पांच बजे का, दोपहर के सवा बजे का, शाम के सवा पांच और साढ़े छह बजे का और रात के साढ़े आठ बजे का... ऐसे पांच अजान के समय में 15 मिनट पहले और 15 मिनट बाद और मस्जिद के 100 मीटर का दायरे में कोई भी भजन, कीर्तन या हनुमान चलीसा करने का अधिकार नहीं है. वीडियो में आगे ये भी कहा गया है कि ये बातें नासिक के पुलिस कमिश्नर बोल रहे हैं.
एक अन्य यूजर (@ManojSr60583090) ने एक्स पर इस वीडियो को पोस्ट कर कैप्शन में लिखा, "आप सोते रहो, अभी तो नाशिक से आदेश आया सनातनियों. आने वाले समय में सारे हिंदुस्तान में यही होगा. वोट मत डालो, देश और परिवार का भविष्य अंधकारमय करते रहो." यहां देखें वीडियो
नासिक पुलिस ने इस वीडियो को फेक बताया है. नासिक पुलिस ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, व्हाट्सएप पर अराजक तत्वों ने 2.5 साल पुराने वीडियो का जानबूझकर खराब मंशा से एडिटेड कर वायरल किया है. इस तरह की बात से कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की संभावना थी. हमने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है. इस वीडियो को वायरल करने वाले सोशल मीडिया यूजर पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
🚨 बनावट व्हिडिओ अलर्ट - नाशिक शहर पोलिसांचा इशारा
— नाशिक शहर पोलीस - Nashik City Police (@nashikpolice) October 15, 2024
व्हाट्सअॅपवर काही समाजकंटकांनी चुकीच्या उद्देशाने मुद्दाम एक २.५ वर्षे जुना व्हिडिओ संपादित करून त्यात एका अधिकाऱ्याचे पद नाशिक पोलिस आयुक्त म्हणून दाखवले होते आणि हा व्हिडिओ काल एका वापरकर्त्याने X (अगोदरचे ट्विटर) वर पोस्ट… pic.twitter.com/I616G4Vvzo
नासिक पुलिस ने आगे कहा, "धर्म, जाति, जन्म स्थान, अधिवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने के इरादे से वीडियो को प्रसारित करना भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 196, 197 के तहत दंडनीय है। हमारी सतर्क साइबर टीम सभी घटनाक्रमों पर ऑनलाइन नजर रख रही है और ऐसे सभी पोस्ट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."
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