Gujarat Election 2022: देश-विरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ा कानून, BJP ने संकल्प पत्र में किया यूनिफॉर्म सिविल कोड को जल्द लागू करने का वादा
Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बीजेपी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. इस घोषणा पत्र में बीजेपी का हिंदुत्व का एजेंडा चमक रहा है.
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Gujarat Election 2022: बीजेपी ने गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए अपना संकल्प पत्र जारी किया है, आम नागरिकों, छात्रों के अलावा और बुजुर्गों और महिलाओं तक के लिए तमाम योजनाओं के साथ-साथ देश विरोधी तत्वों के लिए कड़े क़ानून सहित मंदिरों तक के पुनरुद्धार की योजनाओं को घोषणा की है. गुजरात को हिंदुत्व की सफल प्रयोगशाला माना जाता है, इसलिए बीजेपी ने हिंदुत्व के एजेंडे को गुजरात में फिर से आगे बढ़ाया है.
अपने संकल्प पत्र में बीजेपी ने काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर केदारनाथ मंदिर के पुनरुद्धार की तर्ज़ पर गुजरात के तमाम मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 1000 करोड़ के बजट का प्रावधान अपने संकल्प पत्र में किया है. बीजेपी के एजेंडे में गुजरात के मंदिरों का पुनर्विकास उन्हें भव्य और दिव्य रूप देने का संकल्प जताया है. बीजेपी अध्यक्ष कहते हैं कि इस बजट को ज़रूरत के मुताबिक़ और भी ज़्यादा किया जा सकता है.
“एंटी रेडिकलाइज़ेशन सेल” का एलान
बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे में समान नागरिक संहिता भी सबसे ऊपर है, संकल्प पत्र में इसे जल्द लागू किए जाने की बात तो कही ही गई है, सरकार की ओर से पहले ही समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए सुझाव कमेटी का एलान कर दिया गया है. संकल्प पत्र में कट्टरवादी सांप्रदायिक तत्वों से निपटने के लिए “एंटी रेडिकलाइज़ेशन सेल” का एलान भी किया गया है, एबीपी न्यूज़ को बताया गया है कि बढ़ती कट्टरता से निपटने के लिए प्रदेश स्तर पर एक “एंटी रेडिकल सेल” बनाया जाएगा.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि देश के साथ-साथ गुजरात भी रेडिकल तत्वों से जूझ रहा है. एंटी रेडिकलाइज़ेशन सेल रेडिकलाइज किए गए तत्वों को डीरेडिकलाइज किया जाएगा और मुख्य धारा में जोड़ा जाएगा. ये “एंटी रेडिकलाइज सेल” इंटेलिजेंस यूनिट के ज़रिए सोशल मीडिया के अलावा सार्वजनिक रूप से किए जानेवाली कट्टरता को रोकने के लिए राज्य स्तर पर काम करेगा.
गुजरात में एंटी रेडिकलाइज सेल की जरूरत क्यों?
गुजरात एक सीमांत राज्य है. सीमा पर सुरक्षा के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए सांप्रदायिक और असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए कड़े क़ानून बनाने का एलान घोषणा पत्र में किया गया है. सांप्रदायिक तत्व और असामाजिक तत्वों के सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने पर उनसे नुकसान की भरपाई का कड़ा क़ानून गुजरात सरकार लाएगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि ऐसे देश और समाज विरोधी तत्वों को ना केवल कड़ी सज़ा मिले बल्कि क्षति पूर्ति देने पर वे आर्थिक रूप से भी कमज़ोर हो जाएं, ताकि दंगों और प्रदर्शनों के दौरान हिंसक तत्व सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने से पहले दस बार सोचें.
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