कर्नाटक: ईसा मसीह की 114 फीट ऊंची प्रतिमा पर बवाल, हिंदू संगठनों ने खोला मोर्चा
कर्नाटक के रामनगर जिले में ईसा मसीह की 114 फीट ऊंची प्रतिमा को स्थापित किया जाना है. मगर आरएसएस समर्थित संगठन को ये मंजूर नहीं. संगठन के हजारों कार्यकर्ताओं ने रैली निकाल कर विरोध किया और स्थानीय कांग्रेस नेता डी शिवकुमार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया.
बेंगलुरु: रामनगर जिले में ईसा मसीह की 114 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने को लेकर विवाद पैदा हो गया है. इसके विरोध में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी समर्थित संगठन कूद पड़े हैं. कनकपुरा में सोमवार को आरएसएस और बीजेपी समर्थित संगठन ने प्रतिमा निर्माण के विरोध में रैली निकाली. रैली अयप्पा स्वामी मंदिर से शुरू होकर अशोक स्तंभ के सामने जनसभा के साथ खत्म हुई. रैली में हजारों की संख्या दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शिरकत की.
आरएसएस समर्थित संगठन ने निकाली विरोध में रैली
'कनकपुरा चलो रैली' निकाल कर हिंदू जागरण वैदिक के नेताओं ने कांग्रेस नेता डी शिवकुमार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. वरिष्ठ आरएसएस नेता कल्लादा प्रभार भट्ट ने एक अखबार से कहा, “यहां के लोग ईसा मसीह की प्रतिमा नहीं चाहते बल्कि पेजावर स्वामी की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं. यहां ईसा मसीह की प्रतिमा के बजाए किसी ऐसे महापुरुष की प्रतिमा स्थापित की जाए जिनका क्षेत्र और राष्ट्र में अहम योगदान रहा है.”
गौरतलब है कि हरोबेले गांव के कपालाबेट्टा की पहाड़ी पर ग्रामीणों की मदद से ईसा मसीह की प्रतिमा स्थापित करने का मंसूबा है. भट्ट ने रैली में डी शिवकुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रतिमा की स्थापना का मकसद सोनिया गांधी को खुश करना है. उन्होंने डी शिवकुमार पर हिंदू समुदाय को बांटने का आरोप भी लगाया.
दिलचस्प बात ये है कि ये वही भट्ट हैं जिन पर उनके साथियों समेत हाल ही में केस दर्ज किया गया था. उनके खिलाफ पुलिस ने एक स्कूल में बाबरी मस्जिद विध्वंस का छात्रों से मंचन करवाने का आरोप लगाया था.