Jammu Kashmir News: कश्मीर घाटी में मंगलवार को संदिग्ध आतंकवादियों ने 90 मिनट के भीतर तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. इनमें इकबाल पार्क क्षेत्र में श्रीनगर की प्रसिद्ध फार्मेसी के मालिक कश्मीरी पंडित माखनलाल बिंद्रू भी थे, जिनकी आतंकियों ने उनके दुकान में घुसकर हत्या कर दी. आज माखनलाल बिंद्रू का अंतिम संस्कार किया गया.
आतंकियों के कायराना हमले की चौतरफा निंदा हो रही है. पिता की हत्या के बाद बेटी श्रद्धा बिंद्रू ने आतंकियों को ललकारा. श्रद्धा बिंद्रू ने कहा, ''अगर तुम्हारे (आतंकी) पास कोई शिक्षा है तो सामने आ कर बात करो, मेरे पिता ने मुझे यही शिक्षा दी है. नेताओं ने तुम्हें बंदूक और पत्थर दिए हैं, तुम इसी से लड़ोगे, ये सब बुजदिली है. तुम सब पीछे से गोलियां ही चला सकते हो. क्या करोगे तुमलोग? शरीर ही उड़ाया है न तुमने, मैं हूं उनकी बेटी.''
श्रद्धा बिंद्रू ने कहा, ''वो (माखनलाल बिंद्रू) कभी नहीं मरेंगे, तुमने सिर्फ शरीर को मारा है और मैंने बतौर हिंदू कुरान भी पढ़ा है और कुरान कहता है कि ये जो चोला है ये शरीर का जो चोला है ये बदल जाएगा लेकिन जो इंसान का जज्बा है वो कहीं नहीं जाएगा. माखनलाल बिंद्रू आत्मा के रूप में जिंदा रहेंगे. तुम जो भी हो, जिसने उन्हें अपना काम करते वक्त गोली मारी है....अगर तुम्हारे में हिम्मत है तो मेरे सामने आओ, मेरी आंखों में आंखें डालकर बात करो.
उन्होंने कहा, ''वह एक अच्छे व्यक्ति थे जिन्होंने कश्मीर और कश्मीरियत की सेवा की. उसका शरीर चला गया है लेकिन उसकी आत्मा अभी भी जीवित है. एक दिन सभी की मौत होगी. हमें अल्लाह, भगवान और गुरुनानक को जवाब देना होगा. जिसने ये किया है, उसने जहन्नुम के दरवाजे खुद खोल दिए हैं. ये कश्मीर की लड़ाई नहीं हुई है. आपने उस इंसान को मारा है जिन्होंने कश्मीर की सेवा की है. कैसे ये कश्मीर की लड़ाई हुई?
कश्मीरी पंडित समुदाय से बिंद्रू उन कुछ लोगों में शामिल थे, जिन्होंने 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद शुरू होने के बाद पलायन नहीं किया. वह अपनी पत्नी के साथ यहीं रहे और लगातार अपनी फार्मेसी ‘बिंदरू मेडिकेट’ को चलाते रहे.