रामचंद्र गुहा AU नहीं करेंगे ज्वाइन, कहा- उम्मीद है गांधी की धरती पर उनकी भावना जिंदा होगी
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने ट्वीट कर कहा कि परिस्थितियां उनके नियंत्रण से बाहर होने की वजह से अहमदाबाद यूनिवर्सिटी ज्वाइन नहीं कर रहा हूं.
नई दिल्ली: जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने धमकी और हमलों की आशंकाओं को देखते हुए गुजरात के अहमदाबाद यूनिवर्सिटी (AU) में फिलहाल नहीं पढ़ाने का फैसला किया है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि गुहा की नियुक्ति का एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है. 'इंडिया आफ्टर गांधी' के लेखक रामचंद्र गुहा ने ट्वीट कर कहा कि हमें उम्मीद है कि एक दिन गांधी की धरती पर उनकी भावना जिंदा होगी.
उन्होंने कहा, ''हालात के हाथों मजबूर हूं. मैं अहमदाबाद यूनिवर्सिटी ज्वाइन नहीं कर रहा हूं. मैं अहमदाबाद यूनिवर्सिटी को धन्यवाद देता हूं. यूनिवर्सिटी के पास अच्छी फैकल्टी और वाइस चांसलर हैं. मैं आशा करता हूं कि एक न एक दिन एक बार फिर गांधी की धरती पर उनकी भावना जिंदा होगी.''
रामचंद्र गुहा ने अपने ट्विट्स में 'हालात' का जिक्र नहीं किया है. 16 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी ने एलान किया था कि रामचंद्र गुहा स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेस के गांधी विंटर स्कूल में डायरेक्टर के तौर पर ज्वाइन करेंगे. जिसके बाद 19 अक्टूबर को एबीवीपी ने इसका विरोध किया. गुहा के ट्वीट के बाद वीसी पंकज चंद्रा ने किसी तरह की टिप्पणी नहीं की है.
Due to circumstances beyond my control, I shall not be joining Ahmedabad University. I wish AU well; it has fine faculty and an outstanding Vice Chancellor. And may the spirit of Gandhi one day come alive once more in his native Gujarat.
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) November 1, 2018
16 अक्टूबर को अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति पंकज चंद्रा ने कहा था, "राम गुहा के अहमदाबाद यूनिवर्सिटी की विकास गाथा का हिस्सा बनने पर हम खुश हैं, क्योंकि हमने भारतीय उच्च शिक्षा में नए मानदंड स्थापित किए हैं."
तब रामचंद्र गुहा ने एक बयान जारी कर कहा था कि मैं अहमदाबाद को तब से जानता और पसंद करता हूं, जब मैं 40 साल पहले यहां आया था और अब मैं वापस उस शहर में पढ़ाने और कार्य करने जा रहा हूं, जहां महात्मा गांधी ने अपना घर बनाया था और स्वतंत्रता आंदोलन को पोषित किया था. इस बात ने मुझे अधिक उत्साहित किया है.
रामचंद्र गुहा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं और मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर टिप्पणी के लिए जाने जाते हैं.