इतिहास को फिर से लिखे जाने की जरूरत, टीपू सुल्तान के किरदार पर हो बहस: कैलाश विजयवर्गीय
बीजेपी महासचिव ने आरोप लगाया कि इतिहासकारों की चाटुकारिता के कारण देश की महान हस्तियों को इतिहास में उचित जगह नहीं मिल सकी.
इंदौर: बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने देश के इतिहास को फिर से लिखे जाने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने रविवार को कहा कि टीपू सुल्तान के ऐतिहासिक किरदार पर बहस होनी चाहिए. विजयवर्गीय ने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की तरफ से 10 नवम्बर को टीपू सुल्तान जयंती मनाने की कवायद को लेकर सियासत तेज हो रही है. केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने मैसूर के 18वीं सदी के शासक के महिमामंडन का विरोध करते हुए कर्नाटक सरकार से कहा है कि वह उन्हें टीपू सुल्तान जयंती के 'शर्मनाक' कार्यक्रम में नहीं बुलाए.
बीजेपी महासचिव ने कहा, "देश के इतिहास को ठीक तरह से नहीं लिखा गया. इसे दोबारा लिखे जाने की जरूरत है. इतिहास में टीपू सुल्तान के जिक्र पर भी फिर से विचार होना चाहिए और इस विषय में बहस होनी चाहिए." उन्होंने कहा, ‘‘देश का इतिहास लिखने वाले कहीं न कहीं अंग्रेजों के गुलाम रहे हैं. उन्होंने जान-बूझकर ऐसा इतिहास लिखा कि हमें अपने महापुरुषों पर गर्व नहीं हो सके, जैसे महाराणा प्रताप और अकबर समकालीन थे. इतिहास में अकबर को तो महान बता दिया गया. लेकिन देश की संस्कृति की रक्षा के लिए जंगलों में रहकर घास की रोटी खाने वाले महाराणा प्रताप को महान नहीं कहा गया.’’
बीजेपी महासचिव ने आरोप लगाया कि इतिहासकारों की चाटुकारिता के कारण देश की महान हस्तियों को इतिहास में उचित जगह नहीं मिल सकी. उन्होंने इस बात को केवल मीडिया का नजरिया करार दिया कि गुजरात के आगामी विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है.
विजयवर्गीय ने दावा किया, "हकीकत की जमीन पर दोनों दलों के बीच कड़ी चुनावी टक्कर नहीं है. इस बार बीजेपी गुजरात में तीन चौथाई बहुमत से अपनी सरकार बनायेगी."