मुंबई: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ा दिया गया. हालांकि इस घोषणा के कुछ ही घंटे बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र के बांद्रा में सड़क पर आ गए और मांग करने लगे कि उन्हें उनके मूल स्थानों को जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाए. ये सभी प्रवासी मजदूर दिहाड़ी मजदूर हैं.


बता दें कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए पिछले महीने लॉकडाउन लागू होने के बाद से दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. इससे उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.


खबर है कि इनको किसी ने ट्रेन खोले जाने की गलत जानकारी दे दी थी. ऐसे में जब बांद्रा चर्चा में है तो आइए जानते हैं महाराष्ट्र के इस इलाके के बारे में सबकुछ...


आइए जानते हैं बांद्रा के बारे में सबकुछ


बांद्रा पश्चिम मुंबई का एक उपक्षेत्र है. इसे उपनगरों की रानी भी कहते हैं. यह इलाका मीठी नदी के उत्तर में स्थित है, जो बांद्रा को मुंबई शहर से अलग करती है. यह मुंबई और पुणे के बाद महाराष्ट्र में तीसरा सबसे बड़ा व्यावसायिक केंद्र है. इसके अलावा बॉलीवुड, क्रिकेट और राजनीति में सक्रिय कई व्यक्तित्व इसी उपनगर में रहते हैं. बांद्रा में जहां एक तरफ आलीशान बंग्ले हैं तो वहीं झुग्गी झोपड़ी वाला इलाका भी.


बांद्रा शब्द का मतलब क्या है


'बांद्रा' नाम संभवतः बंदरगाह या 'बंदर' जैसे फारसी और उर्दू शब्द से बना है. मराठी में बांद्रा को बंद्रे के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ भी 'बंदरगाह' है.


बांद्रा का इतिहास


यह क्षेत्र 12 वीं शताब्दी में सिलहारा वंश के शासन के अधीन था. बांद्रा कोलिस (मछुआरों) और किसानों द्वारा बसया गया एक छोटा मछली पकड़ने वाला गांव था. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा अधिग्रहण किए जाने से पहले यह पुर्तगालियों के अधीन था.


कितनी जनसंख्या है और भाषा क्या है


बांद्रा की जनसंख्या 9,17,391 है और यहां मुख्य तौर पर मराठी बोली जाती है.


कितनी विधानसभा क्षेत्र हैं


बांद्रा वेस्ट और बांद्रा इस्ट दो विधानसभा क्षेत्र है.


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