भारत में सबसे पहले यहूदियों की कब हुई एंट्री, देश में है कितनी आबादी, किन-किन राज्यों में बनाया आशियाना?
Indian Jews: भारत में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के यहूदी आकर बसे थे. सन 1940 के बाद से देश में इनकी संख्या कम होने लगी. दिल्ली में एक मात्र सिनेगॉग यहूदा हयाम हॉल है.
Indian Jews History: इजरायल-हमास जंग के बीच एक बार फिर यहूदी चर्चा में आ गए हैं. इजरायल में यहूदियों की संख्या सबसे ज्यादा है. क्या आपको पता है कि भारत में यहूदी कब आए और किस-किस राज्य में रहते हैं? ऐसा माना जाता है कि यहूदी 2000 साल पहले भारत आए. यहीं नहीं, दुनिया के अलग-अलग देशों से 200 साल पहले तक यहूदियों का भारत आना जारी रहा.
बेहतर अवसर की उम्मीद में आए भारत
दूसरे देशों से भारत आने वाले यहूदी देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर बस गए. इन यहूदियों के भारत आने की वजह यह थी कि जहां ये पहले रह रहे थे वहां इनके साथ उत्पीड़न होता था. इन्होंने बेहतर अवसर की उम्मीद में भारत में कदम रखा. भारत में अलग-अलग जगहों के यहूदी मुंबई, गुजरात, कोलकाता जैसे कई बड़े शहरों में जाकर बस गए.
देश के इन हिस्सों में बनाया आशियाना
भारत में बसने वाले यहूदियों में सबसे ज्यादा बेन इजरायली यहूदियों (Bene Israel Jewish) की संख्या थी. ये महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे और गुजरात में जाकर बस गए. वहीं मालाबार और कोच्चि यहूदी (Malabar or Cochin Jews) आंध्र प्रदेश में जाकर बस गए.
कोलकाता में जो यहूदी बसे हैं, वे बगदादी यहूदी (Baghdadi Jews) हैं. एक समय में इनकी अच्छी खासी आबादी हुआ करती थी. उस समय शहर में 5 सिनेगॉग हुआ करते थे. एक सिनेगॉग के लिए 10 पुरुषों का होना आवश्यक है. वहीं, अब इस शहर में इन यहूदियों कि संख्या 10 से भी कम है. दिल्ली के खान मार्केट इलाके में भी कुछ यहूदी रहते हैं. दिल्ली में उनके लिए एक मात्र सिनेगॉग यहूदा हयाम हॉल है.
1940 के बाद कम हुई आबादी
भारत के पूर्वी राज्यों में भी यहूदी बसे थे. मणिपुर और मिजोरम में बनई मनाशे यहूदी (Bnei Menashe Jews) बसे थे. मछलीपट्टनम में बेने इफ्रैम (Bene Ephraim Jews) बसे. सन 1940 में भारत में यहूदियों की संख्या 50 हजार थी. वहीं, मौजूदा समय में इनकी संख्या 5000 बची है. 1950 के बाद भारत से यहूदियों का पलायन शुरू हो गया था, जिस वजह से यहां उनकी संख्या में भारी गिरावट आई है.