(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
आतंकवादियों के लिए काम करने के आरोप में कश्मीर के 11 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त
बर्खास्त हुए 11 सरकारी कर्मचारियों में से 4 अनंतनाग के, 3 बडगाम और एक एक कर्मचारी बारामूला, पुलवामा, कुपवाड़ा और श्रीनगर के हैं.
नई दिल्ली: आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में जम्मू कश्मीर के 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. इस लिस्ट में सैयद सलाउद्दीन के दोनों बेटे अहमद शकील और शाहिद यूसुफ का भी नाम है. सलाउद्दीन मोस्ट वांटेड आतंकवादी है और हिज़बुल मुजाहिद्दीन का संस्थापक भी है. उसके दोनों बेटे जेल में बंद हैं. शकील स्वास्थ्य विभाग में और यूसुफ सिंचाई विभाग में काम करता था. केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक़ सलाउद्दीन के बेटे आतंकियों की मदद के साथ साथ उनकी फंडिंग भी किया करते थे. हवाला के ज़रिए ये काम होता था. जम्मू कश्मीर का लेफ़्टिनेंट गवर्नर बनने के बाद मनोज सिन्हा ने आतंकवादियों की मदद करने वालों की पहचान का काम तेज करने को कहा है. इससे पहले ऐसे ही आरोपों में आठ सरकारी कर्मचारी पहले ही बर्खास्त हो चुके हैं. कश्मीर के कई सरकारी कर्मचारियों पर आतंकी संगठनों से मिले होने के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं होती थी.
जिन 11 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया गया है. उनमें जम्मू कश्मीर के 2 पुलिस कांस्टेबल भी शामिल है. इनमें से अब्दुल राशिद ने तो खुद पुलिस फ़ोर्स पर भी हमला किया था. जबकि दूसरा कांस्टेबल आतंकवादियों को पुलिस के अंदर की खबरें और महत्वपूर्ण जानकारियां दिया करता था. स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाला नाज मोहम्मद अली तो खुद हिज़बुल मुजाहिदीन से जुड़ गया था. वो हिज़बुल के लोगों के लिए लोकल इंतज़ाम किया करता था. उस पर दो आतंकवादियों को अपने घर पर छिपाने का भी आरोप है.
शिक्षा विभाग के भी दो कर्मचारी बर्खास्त किए गए हैं. जब्बार अहमद और निसार अहमद पाकिस्तानी आतंकी संगठन के लिए काम करते थे. ये दोनों जमीयत इस्लामी से जुड़े हुए थे. शाहीन अहमद बिजली विभाग में इंस्पेक्टर था. वो हिज़बुल मुजाहिद्दीन के लिए हथियार लाने और ले जाने का काम किया करता था. पिछले साल ही जम्मू कश्मीर हाईवे पर उसे आतंकवादियों के साथ एक गाड़ी में जाते हुए देखा गया था. वो गाड़ी हथियार और गोला बारूद से भरा हुआ था.
बर्खास्त हुए 11 सरकारी कर्मचारियों में से 4 अनंतनाग के, 3 बडगाम और एक एक कर्मचारी बारामूला, पुलवामा, कुपवाड़ा और श्रीनगर के हैं. जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से सांठ गांठ रखने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई जारी रहेगी. हाल के दिनों में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं. ख़ुफ़िया एजेंसियों का मानना है कि कश्मीर में चुनाव कराने की चर्चा के बीच आतंकवादी संगठन वहां का माहौल खराब करने में जुटी हैं. इसी महीने पीएम नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर को लेकर दिल्ली में राजनैतिक पार्टियों के लोगों से मुलाक़ात की थी.