Bashir Ahmad Peer Killed In Pakistan: पाकिस्तान के रावलपिंडी में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के टॉप कमांडर बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम की अज्ञात हमलावरों ने मंगलवार को गोली मारकर हत्या कर दी.


बशीर कश्मीर में आतंकवाद के लिए युवाओं को जुटाने और उन्हें हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है. बशीर मीर पीओके से आतंकी शिविरों और लॉन्च पैड्स का समन्वय कर रहा था और लेपा सेक्टर में लंबे समय से सक्रिय था.


सूत्रों के मुताबिक, बशीर अहमद की हत्या के बाद हिज्बुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन ने जनाजे की नमाज अदा की. 


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, खुफिया अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का रहने वाला पीर 15 साल से अधिक समय से पाकिस्तान में रह रहा था. पीर नियंत्रण रेखा के जरिए जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों को भेजने की गतिविधियों में शामिल था.


आतंकवादी गतिविधियों में भूमिका के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पिछले साल 4 अक्टूबर को केंद्र द्वारा पीर को आतंकवादी घोषित किया गया था.


अधिसूचना के मुताबिक, पीर हिज्बुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों के विस्तार के लिए पूर्व आतंकवादियों और अन्य को एकजुट करने को लेकर कई ऑनलाइन प्रचार समूहों से जुड़ा था.


पाकिस्तान से घुसपैठ में शामिल 


बशीर अहमद पर कई बार पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ करके जम्मू-कश्मीर आने वाले आतंकियों को सहायता देने के आरोप भी लगे थे. इसके बाद वो जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तान भाग गया और वहां रावलपिंडी को अपना ठिकाना बना लिया था. वो वहीं बैठकर हिज्बुल मुजाहिद्दीन के लिए काम करता था. रावलपिंडी में बैठकर वो जम्मू-कश्मीर पहुंचे घुसपैठियों और आतंकियों को रसद और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने का काम करता था. 


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