नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा को लेकर आतंकी संगठन हिज्बुल ने नया दांव खेला है. हिज्बुल ने कहा है कि श्रद्धालु हमारे मेहमान हैं टारगेट नहीं. हिजबुल के ऑपरेशनल कमांडर रियाज़ नाइकू का एक ऑडियो सामने आय है जिसमें वो कह रहा है, ''अमरनाथ यात्रा हमारा निशाना नहीं है, वे यहां धार्मिक अनुष्ठान के लिए आते हैं. वे हमारे मेहमान हैं.'' अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था बुधवार सुबह जम्मू से श्रीनगर रवाना होगा. इस साल की अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित करवाने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ साथ एनएसजी कमांडो ने भी मोर्चा सम्भाला है.


सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील अमरनाथ यात्रा के लिए बड़े स्तर पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. जम्मू से बालटाल और दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के दो बेस कैंप से लगभग 400 किलोमीटर यात्रा मार्ग को सुरक्षित रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की 213 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं. सोमवार को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद वार्षिक अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया और बालटाल बेस कैंप का दौरा किया.


अमरनाथ गुफा समुद्र तल से 12,756 फीट की ऊंचाई पर है. तीर्थयात्रियों को पहलगाम रास्ते से तीर्थस्थल पहुंचने में चार दिनों का समय लगता है. बालटाल मार्ग से जाने वाले लोग अमरनाथ गुफा में प्रार्थना करने के बाद उसी दिन बेस कैंप लौटते हैं. दोनों मार्गो पर हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है.


आतंकी हमले का अलर्ट, PoK से घुसपैठ कर 20 आतंकी कर सकते हैं हमला: सूत्र
अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले को लेकर खुफिया एजेंसी ने सोमवार को अलर्ट जारी किया था. यात्रा की सुरक्षा करने वालीं सभी एजेंसियों को अलर्ट जारी किया गया. अलर्ट के मुताबिक लश्कर के करीब 20 आतंकियों ने दो ग्रुप घाटी में घुसपैठ की है. पहले ग्रुप में करीब 11 से 13 आतंकी और दूसरे ग्रुप में 6 से 7 आतंकी शामिल हैं.


खुफिया सूत्रों के मुताबिक बालटाल रूट पर कंगन नाम की जगह पर आतंकी यात्रा को निशाना बना सकते हैं. सभी लश्कर आतंकियों को तीन तीन के गुट में कंगन की तरफ बढ़ने का अंदेशा है. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 'केल लॉन्च पैड से आतंकियों की घुसपैठ कराई है.