HMPV in India: देश में HMPV वायरस ने दस्तक दे दी है. इसके साथ ही गुजरात में भी HMPV वायरस का पहला मामला सामने आया है. इस वायरस का पहला केस अहमदाबाद के चांदखेडा इलाके में दर्ज किया गया गया है, जहां 2 महीने के एक नवजात बच्चे में ये वायरस पाया गया है. यह बच्चा ऑरेंज चिल्ड्रन हॉस्पिटल, चांदखेड़ा अमदाबाद में एडमिट है. राज्य में पहला मामला सामने आने पर इस हॉस्पिटल के पीडियाट्रिशन डॉक्टर नीरव पटेल ने कहा, "इससे कोई पैनिक होने की जरूरत नहीं है."
डॉक्टर नीरव ने कहा कि यह नॉर्मल फ्लू जैसा वायरस है. यह बच्चा हमारे यहां 24 दिसंबर को एडमिट हुआ था. वो गुजरात के मोडासा से है. उसको दो- तीन दिनों से सर्दी खांसी थी. बच्चे को दो- तीन दिन हमने छोटे मशीन पे रखा, पर बच्चे का ऑक्सीजन मेंटेन नहीं हो रहा था तो हमने उसको वेंटिलेटर मशीन का सपोर्ट दिया.
'स्वस्थ्य बच्चों को खतरा कम'
डॉक्टर नीरव पटेल ने आगे कहा कि लगभग पांच दिनों तक वेंटिलेटर में के बाद उसकी हालत में काफी सुधार आया है. अभी बच्चा डिसचार्ज के लायक हो गया है. दरअसल वह नवजात बच्चा था और उसके लंग्स में पहले से समस्या थी. इसलिए यह बच्चा इससे प्रभावित हुआ था. हालांकि जो स्वस्थ्य बच्चे होंगे उन्हें कोई इंफ्क्शन हो जाए तो कोई घबराने की जरूरत नहीं है.
'बुजुर्गों- बच्चों को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत'
वहीं एम्स के पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा "इसमें खतरे वाली बात नहीं है. यह कोई नया वारयरस नहीं हैं. हालांकि इससे बुजुर्गों और बच्चों को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है, क्योंकि इनमें इम्युनिटी कम होती है और उनको इंफेक्शन जल्दी हो जाता है. सर्दियों में इसके मामले ज्यादा आते हैं. क्योंकि ये वायरस हवा में काफी लंबे समय के लिए रहता है और फैल सकता है इसलिए सर्दियों में लोगों को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है.यदि सर्दी- खांसी रहे तो थोड़ी दूरी बनाए रखें. साथ ही यदि बच्चों को बुखार नजला है तो पेरेंट्स उसको स्कूल ना भेजें. "
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया और नीरव पटेल के अनुसार, इसके लक्षण सर्दी, खांसी और बलगम निकलना है. इसमें ध्यान रखने वाली बात यह है कि जब भी सर्दी- खांसी हो जाए तो मास्क यूज करिए, 10 - 12 बार हाथ अच्छे से धोइए.
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