Holiday on Dol Jatra (Holi) Festival: असम सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने डोल जात्रा (होली) महोत्सव के अवसर पर 26 मार्च यानी मंगलवार को छुट्टी की घोषणा की है. इस छुट्टी के कारण कामरूप (मेट्रो) जिले के सभी सरकारी कार्यालय (राज्य) और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट 26 मार्च 2024 को बंद रहेंगे. इसके अलावा कामरूप (मेट्रो) के अंदर सभी वित्तीय संस्थान भी इस खास मौके पर बंद रहेंगे.


राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि असम के राज्यपाल 26 मार्च 2024 को डोल जात्रा (होली) महोत्सव के कारण कामरूप (मेट्रो) जिले के अंदर स्थानीय स्तर पर छुट्टी घोषित करते हुए काफी प्रसन्न हैं. इस दौरान राज्य सरकार के सभी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान इस छुट्टी के कारण 26 मार्च 2024 को बंद रहेंगे. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एनआई एक्ट 1881 की धारा 25 के तहत कामरूप जिले के अंदर सभी वित्तीय संस्थान भी इस दौरान बंद रहेंगे.


क्या है डोल जात्रा?


डोल जात्रा जिसे होली के नाम से भी जाना जाता है, भारत के असम में मनाया जाने वाला एक त्योहार है. यह बुराई पर अच्छाई की जीत और वसंत के आगमन का प्रतीक है. यह त्योहार असम में बहुत उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है और सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोग इस खास अवसर का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं.


डोल जात्रा उत्सव आमतौर पर मार्च के महीने में आता है और ये दो दिनों तक चलता है. त्योहार के पहले दिन को फागुन पूर्णिमा या होलिका दहन के रूप में जाना जाता है और दूसरे दिन को रंगपंचमी के रूप में जाना जाता है. त्योहार के दौरान लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं.


असम में क्या है डोल जात्रा का महत्व?


डोल जात्रा उत्सव का असम में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है. इस त्योहार को भगवान कृष्ण और राधा की पौराणिक कहानियों में जोड़कर देखा जाता है. जहां भगवान कृष्ण रंगों से खेलते थे और राधा के चेहरे पर रंग लगाते थे. यह त्योहार होलिका पर भगवान विष्णु की जीत का भी प्रतीक है, जिसने भगवान विष्णु को जलाने की कोशिश की थी लेकिन अंत में वह खुद जल गई.


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