अब दिल्ली-एनसीआर की गाड़ियों पर नजर आएंगे रंग-बिरंगे स्टीकर
दिल्ली के पर्यावरण से जुड़े मामले पर सुनवाई के दौरान आज बाहरी वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा हुई.
नई दिल्ली: दो अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर की गाड़ियों पर होलोग्राम स्टीकर नज़र आएंगे. सामने के शीशे के बाएं कोने पर लगने वाले स्टीकर का रंग गाड़ी के ईंधन के आधार पर होगा. सीएनजी और पेट्रोल गाड़ियों के लिए नीला और डीजल गाड़ियों के लिए ऑरेंज स्टीकर लगा हुआ दिखने वाला है. सुप्रीम कोर्ट ने आज इस बारे में केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
दिल्ली के पर्यावरण से जुड़े मामले पर सुनवाई के दौरान आज बाहरी वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर चर्चा की थी. इससे पहले कोर्ट डीजल गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण पर सवाल उठा चुका है. पुरानी गाड़ियों को सड़क से हटाने के मसले पर भी कोर्ट में चर्चा हो चुकी है. इसी सिलसिले में कोर्ट में सुझाव रखा गया था कि गाड़ी के इंजन की उम्र के मुताबिक उस पर स्टीकर लगाया जाए जिससे उनकी पहचान हो सके.
ईंधन के आधार पर स्टीकर की व्यवस्था सरकार ने आज इससे कुछ अलग प्रस्ताव देते हुए कहा कि वो गाड़ी में इस्तेमाल होने वाले ईंधन के आधार पर स्टीकर की व्यवस्था करना चाहती है. इन स्टीकर पर गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ ही उनके निर्माण का साल भी सही तरीके से लिखना अनिवार्य होगा. इसके लिए नियमों में बदलाव किया जा रहा है. सरकार ने संकेत दिए है कि इस व्यवस्था को पूरे देश में लागू किया जाएगा. राजधानी में प्रदूषण के स्तर पर चिंता जताते रहे कोर्ट ने सरकार का प्रस्ताव मानते हुए कहा दो अक्टूबर से पहले इसे दिल्ली-एनसीआर में लागू करें.
वहीं कोर्ट में इस बात पर भी चर्चा हुई कि मुख्य रूप से बैटरी से चलने वाली स्ट्रांग हाइब्रिड गाड़ियों पर हरा स्टीकर लगाया जाए. अभी इस बात पर स्पष्टता नहीं है कि 2 अक्टूबर से पहले लागू होने वाली ये व्यवस्था नई रजिस्टर्ड होने वाली गाड़ियों के लिए होगी या इसे पुरानी गाड़ियों के लिए भी अनिवार्य कर दिया जाएगा. जानकारों के मुताबिक, हो सकता है शुरू में इसे नई गाड़ियों के लिए लागू किया जाए लेकिन बाद में इसे सबके लिए लागू कर दिया जाएगा.